छात्रावासों की अनियमितताओं पर सख्त रुख, सहायक आयुक्तों को चेतावनी

रायपुर। जिलों में पदस्थ सहायक आयुक्तों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित बैठक में प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने छात्रावास और आश्रमों से जुड़ी हालिया अनियमितताओं को गंभीरता से लिया। उन्होंने सोशल मीडिया पर सामने आए भ्रामक समाचारों का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे विभाग की छवि प्रभावित हुई है।
बोरा ने स्पष्ट किया कि अधिकतर मामलों में कार्यादेश जारी होने से पहले ही उन्हें निरस्त कर दिया गया था, फिर भी पूर्व वर्षों की कुछ खरीदी में गड़बड़ियों की जानकारी सामने आई है, जिनकी जांच चल रही है। दोषी पाए जाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सहायक आयुक्तों को निर्देश दिए गए कि वे केवल विभागीय कार्यों पर ध्यान दें और अन्य विभागों के लिए एजेंसी बनने से बचें। यदि कोई कार्य आवश्यक हो तो मुख्यालय से अनुमति प्राप्त करना अनिवार्य होगा। बिना अनुमति के ऐसे कार्यों की जानकारी मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि भंडार क्रय नियमों और जैम पोर्टल की प्रक्रिया की पूरी जानकारी सहायक आयुक्तों को होनी चाहिए। छात्रावासों और आश्रमों के लिए की जाने वाली खरीदी गुणवत्ता और मानकों के अनुसार होनी चाहिए, जिसमें क्रय समिति की सहमति और कलेक्टर की मंजूरी जरूरी है। सामग्री की दरों की तुलना गूगल जैसे प्लेटफॉर्म पर भी की जाए, ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
प्रमुख सचिव ने विभागीय कार्यप्रणाली में सुधार के लिए आयुक्त, आदिम जाति कल्याण को एक समिति गठित करने के निर्देश दिए। इस निर्देश के तहत आयुक्त सारांश मित्तर द्वारा पांच सदस्यीय समिति का गठन किया जा रहा है, जो व्यवस्थाओं, निर्माण, शिक्षण, जैम पोर्टल और अन्य जिला स्तरीय समस्याओं पर सुझाव देगी।
सहायक आयुक्तों को निर्देशित किया गया है कि हर माह कम से कम 10 छात्रावासों का निरीक्षण करें। निरीक्षण में सफाई, स्वच्छ शौचालय, किचन गार्डन, शयन कक्ष, कक्षा कक्ष की स्थिति और पंजियों का अवलोकन शामिल हो।
इसके अलावा, प्रयास आवासीय विद्यालयों के लिए संस्था चयन की प्रक्रिया 31 जुलाई तक पूरी करने और पीएम जनमन योजना से जुड़े 18 जिलों में MPC के निर्माण को शीघ्र पूर्ण कराने के निर्देश भी दिए गए।
बैठक में विभाग के अन्य अधिकारी संजय गौड़, जितेन्द्र गुप्ता, आर. एस. भोई, विश्वनाथ रेड्डी और त्रिदीप चक्रवर्ती भी मौजूद थे।