बोरी के अंदर बंद था दोस्त का खौफनाक राज: रायपुर में दोस्ती पर हुआ खून

रायपुर । राजधानी से एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है, जहां एक युवक की लाश बोरी में बंद हालत में मिली। मामला राखी थाना क्षेत्र का है और पुलिस ने इस खूनी खेल के दो मुख्य आरोपी भी गिरफ्तार कर लिए हैं। दोनों आरोपी मृतक के बचपन के दोस्त थे।
कहानी शुरू होती है तीन दोस्तों की दोस्ती और शराब की महफिल से, जो एक लड़की को लेकर तकरार में बदल गई। इसी झगड़े में दो दोस्तों ने मिलकर तीसरे दोस्त पर चाकू से हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया।
हत्या के बाद शव को छुपाने के लिए उन्होंने लाश को बोरी में भरकर खदान की डबरी में फेंक दिया, ताकि कोई सबूत न मिले। जान बचाने के लिए बोरी में पत्थर भी डाल दिए गए ताकि लाश डूब जाए।
राखी थाना क्षेत्र के बेंद्री गांव के पास 24 जुलाई की शाम खदान में तैरती बोरी देखकर किसी ने पुलिस को सूचना दी। फोरेंसिक टीम ने जांच की तो शव तीन-चार दिन पुराना पाया गया। सिर और गले पर गंभीर चोटों के निशान थे, और शरीर का ज्यादातर हिस्सा सड़ चुका था।
पुलिस जांच में मृतक की पहचान 20 वर्षीय दिनेश मानिकपुरी के रूप में हुई। वह कायाबांधा का रहने वाला था। पुलिस ने दिनेश के घरवालों और स्थानीय लोगों से पूछताछ की तो पता चला कि दिनेश को आखिरी बार उसके दो बचपन के दोस्त साहेब दास मानिकपुरी (19) और सोहन उर्फ पिंटू कंडरा (25) के साथ देखा गया था।
शक के आधार पर पुलिस ने दोनों को हिरासत में लिया। पहले तो आरोपी पुलिस को गुमराह करते रहे, लेकिन जब कड़ाई से पूछताछ हुई तो उन्होंने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया।
दोस्तों ने बताया कि 24 जुलाई को उन्होंने दिनेश को स्कूटी पर बैठाकर खदान के पास शराब पीने ले गए थे। वहां एक लड़की को लेकर हुई बहस इतनी बढ़ गई कि गुस्से में साहेब और सोहन ने चाकू से दिनेश पर हमला बोल दिया।
दिनेश को कई बार चाकू मारा गया, जिससे उसकी मौत हो गई। फिर आरोपियों ने दिनेश के चेहरे और सिर पर पत्थर से वार कर पहचान छुपाने की कोशिश की। शव को बोरी में भरकर पत्थर डाले और खदान की डबरी में फेंक दिया।
पुलिस ने साहेब दास और सोहन को गिरफ्तार कर घटना में इस्तेमाल स्कूटी और मोबाइल जब्त कर लिया है। आरोपियों के खिलाफ हत्या और सबूत छुपाने के तहत मामला दर्ज किया गया है।
रायपुर में बढ़ता अपराध: जनवरी से अब तक 30 हत्याएं
रायपुर में जनवरी 2025 से अब तक 30 हत्या की घटनाएं हो चुकी हैं। पिछले तीन वर्षों में जिले में कुल 220 हत्याएं दर्ज हुई हैं। ज्यादातर मामले नशे में हुई आपसी रंजिश और पुराने विवादों का नतीजा हैं।
नवा रायपुर के एएसपी विवेक शुक्ला ने बताया कि अपराधी अब चाकू ऑनलाइन मंगवा रहे हैं, जिससे पकड़ना मुश्किल हो रहा है। आरोपी फर्जी पते देते हैं और मोबाइल नंबर सही रखते हैं, जिससे पुलिस की छानबीन में दिक्कत आती है।
रायपुर की जनता को सुरक्षा का सवाल और पुलिस को कानून व्यवस्था सुधारने की चुनौती, दोनों का सामना करना पड़ रहा है।