लोकसभा में पेश हुआ नया इनकम टैक्स बिल

सोमवार यानी 11 अगस्त को संसद में एक नया इनकम टैक्स बिल पेश किया गया है, जो भारतीय आयकर कानून में एक बड़ा बदलाव लेकर आ रहा है। यह संशोधित बिल संसदीय चयन समिति की अधिकांश सिफारिशों को समाहित करता है और पुराने 1961 के आयकर अधिनियम को बदलने का आधार बनेगा। लोकसभा ने इस बिल को पारित भी कर दिया है।
सरकार ने फरवरी में पेश किए गए पुराने इनकम टैक्स बिल को वापस ले लिया था और अब 11 अगस्त को नया मसौदा पेश किया गया है। इसमें टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है और 12 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स छूट बरकरार रखी गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह संशोधन कानूनी त्रुटियों को ठीक करने, शब्दों को स्पष्ट करने और बेहतर क्रॉस-रेफरेंसिंग सुनिश्चित करने के लिए जरूरी था।
चयन समिति की प्रमुख सिफारिशें:
धारा 21: खाली संपत्तियों के वास्तविक किराए और अनुमानित किराए की तुलना स्पष्ट की गई।
धारा 22: 30% मानक कटौती को नगरपालिका कर घटाने के बाद लागू किया जाएगा; निर्माण-पूर्व ब्याज कटौती किराए पर दी गई संपत्तियों तक बढ़ाई गई।
धारा 19: कम्यूटेड पेंशन कटौती उन लोगों के लिए संभव होगी जो कर्मचारी नहीं हैं, लेकिन पेंशन लेते हैं।
धारा 20: अस्थायी खाली व्यावसायिक संपत्तियों पर ‘हाउस प्रॉपर्टी’ टैक्स नहीं लगेगा।
फरवरी का पुराना बिल बड़ा सुधार माना गया था जिसमें टैक्स नियमों को सरल और करदाता हितैषी बनाने पर जोर था, लेकिन वह अब वापस ले लिया गया है। नया बिल 1961 के अधिनियम को पूरी तरह से प्रतिस्थापित करेगा और कर प्रणाली में अधिक स्पष्टता और न्यायसंगतता लाएगा।