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रिश्तों को बदला नहीं जा सकता: अमेरिका-पाकिस्तान नजदीकियों पर व्हाइट हाउस का बयान

पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर की हालिया अमेरिकी यात्रा ने वैश्विक चर्चा बटोरी है। दो महीनों में उनकी दूसरी यात्रा के बीच, अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने भारत-पाकिस्तान तनाव और अमेरिका की कूटनीतिक भूमिका पर महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने कहा कि मई 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिनों तक चले सैन्य तनाव को शांत करने में अमेरिका ने सक्रिय भूमिका निभाई। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने फोन कॉल्स के जरिए कूटनीतिक प्रयास किए, जिससे एक संभावित विनाशकारी स्थिति टल गई।

अमेरिका की कूटनीतिक भूमिका

टैमी ब्रूस ने कहा, “जब भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर था, तब हमारे नेतृत्व ने स्थिति को सामान्य करने के लिए तत्काल कदम उठाए।” उन्होंने इसे अमेरिकी नेतृत्व का गर्व का क्षण बताया। ब्रूस ने जोर देकर कहा कि अमेरिका के भारत और पाकिस्तान के साथ संबंध अपरिवर्तनीय हैं। “हम अपने रिश्तों को नहीं बदल सकते। दोनों देशों के साथ सहयोग क्षेत्रीय और वैश्विक शांति के लिए जरूरी है,” उन्होंने कहा। इस बयान से साफ है कि अमेरिका दोनों देशों के साथ संतुलित रुख बनाए रखना चाहता है।

अमेरिका-पाकिस्तान आतंकवाद-रोधी वार्ता

12 अगस्त 2025 को इस्लामाबाद में आयोजित अमेरिका-पाकिस्तान आतंकवाद-रोधी वार्ता में दोनों देशों ने आतंकवाद के खिलाफ साझा प्रतिबद्धता दोहराई। यह वार्ता असीम मुनीर की अमेरिकी यात्रा के बाद हुई, जिसमें उन्होंने सेंट्रल कमांड (CENTCOM) के कमांडर जनरल माइकल कुरिला के विदाई समारोह में हिस्सा लिया और नए कमांडर एडमिरल ब्रैड कूपर को बधाई दी। कुरिला ने पाकिस्तान को आतंकवाद-रोधी प्रयासों में “शानदार साझेदार” बताया था।

असीम मुनीर की विवादास्पद टिप्पणी

टैमी ब्रूस का बयान उस समय आया जब फ्लोरिडा में असीम मुनीर ने कथित तौर पर कहा कि यदि पाकिस्तान का अस्तित्व खतरे में आया, तो वह भारत और आधे विश्व को नष्ट करने के लिए परमाणु हथियारों का उपयोग कर सकता है। इस बयान ने भारत-पाक तनाव को और गहरा दिया। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसे गैर-जिम्मेदाराना करार देते हुए परमाणु हथियारों की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए।

क्षेत्रीय शांति की चुनौती

मुनीर की लगातार अमेरिकी यात्राएं और ट्रंप प्रशासन के साथ उनकी निकटता ने क्षेत्रीय कूटनीति में नए सवाल खड़े किए हैं। जून 2025 में उनकी ट्रंप के साथ निजी भोज में मुलाकात और हालिया यात्रा ने अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों को मजबूती दी है। हालांकि, भारत ने स्पष्ट किया है कि वह किसी भी धमकी के आगे नहीं झुकेगा और अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सभी कदम उठाएगा।

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