छत्तीसगढ़ में दिव्यांगों को मिला नया जीवन, मुख्यमंत्री के नेतृत्व में जयपुर कृत्रिम पैर वितरण समारोह
दिव्यांगों को मिला जीवन का नया साथ, कृत्रिम पैर से मिली नई राह

छत्तीसगढ़ में दिव्यांगों के जीवन में स्वर्गीय बदलाव की झलक दिखाई दे रही है क्योंकि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की मौजूदगी में जगदलपुर के ग्राम आड़ावाल में दिव्यांगजनों को जयपुर कृत्रिम पैर, हाथ, ट्रायसिकल और अन्य सहायक उपकरण वितरित किए गए। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन समाज कल्याण विभाग एवं श्री महावीर विकलांग सहायता समिति के संयुक्त तत्वावधान में किया गया, जिससे दिव्यांगजनों के जीवन की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार होगा।
कक्षा 6 की छात्रा पुलम बघेल, जो बचपन में हुई दुर्घटना के कारण पैर से दिव्यांग हैं, को मुख्यमंत्री ने जयपुर कृत्रिम पैर प्रदान किया, जिससे वे न केवल आसानी से चल-फिर सकेगी, बल्कि जीवन के प्रति आत्मनिर्भर भी बनेगी। इसी तरह ग्राम कुरेंगा की 23 वर्षीय कलावती मंडावी को भी कृत्रिम पैर प्राप्त हुआ, जिससे उनकी व्यावसायिक और सामाजिक गतिविधियों में सुधार की उम्मीद मजबूत हुई।

छह वर्षीय देवा को भी कृत्रिम पैर दिया गया, जो शारीरिक कमजोरी के चलते जन्मजात दिव्यांग हैं। मुख्यमंत्री ने सभी दिव्यांगजनों से मिलकर उनके हाल-चाल जाना और उनके समर्थन के लिए प्रतिबद्धता जताई। समाज में इस पहल से उम्मीद की नई किरण जगी है, जो न केवल दिव्यांगजनों के लिए बल्कि समाज के लिए भी प्रेरणा है।

इस कार्यक्रम के माध्यम से सरकार ने यह संदेश दिया है कि दिव्यांगों का समाज में समान अधिकार और सम्मान सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। निःशुल्क कृत्रिम अंग और अन्य सहायक उपकरणों के वितरण से उनकी जीवनशैली में सुधार आएगा, जिससे वे सामाजिक तथा आर्थिक गतिविधियों में बेहतर योगदान दे सकेंगे।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में ऐसी पहलें छत्तीसगढ़ में समावेशी विकास को गति दे रही हैं, जहां हर वर्ग की बेहतरी सुनिश्चित की जा रही है। यह कदम दिव्यांगजनों की समृद्धि के लिए एक नई शुरुआत है, जो उन्हें आत्मनिर्भर और सम्मानित जीवन जीने की दिशा में अग्रसरित करेगा।