छत्तीसगढ़ न्यूज़ | Fourth Eye News

गरियाबंद मुठभेड़ में 10 इनामी नक्सली ढेर, डेढ़ करोड़ के मोडेम बालकृष्ण का अंत

रायपुर। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के घने जंगलों में गुरुवार सुबह वह हुआ, जिसकी तैयारी महीनों से चल रही थी। सुरक्षा बलों ने मैनपुर के मटाल पहाड़ी इलाके में घेराबंदी कर नक्सलियों के शीर्ष कमांडर मोडेम बालकृष्ण समेत 10 खूंखार इनामी नक्सलियों को मार गिराया। इन सभी पर कुल मिलाकर 3 करोड़ 4 लाख रुपए का इनाम था।

मारे गए नक्सलियों में 4 महिलाएं भी शामिल

एनकाउंटर में ढेर किए गए नक्सलियों में 6 पुरुष और 4 महिलाएं थीं। ये सभी नक्सल नेटवर्क के अहम स्तंभ थे —

मोडेम बालकृष्ण (CCM) – ओडिशा स्टेट कमेटी का सचिव, डेढ़ करोड़ का इनामी

प्रमोद उर्फ पांडु (SZC/Eastern Bureau)

विमल (DVCM/टेक्निकल टीम)

विक्रम (सिनापाली ACM)

समीर (मनोज सिक्योरिटी)

उमेश (ACM/SDK डिप्टी कमांडर)

अंजलि (SDK ACM)

सिंधु, रजिता, आरती (तीनों तकनीकी टीम से जुड़ी महिलाएं)

इन सभी शवों को हेलीकॉप्टर के जरिए गरियाबंद लाया गया।

मोडेम तक कैसे पहुंची पुलिस? गार्ड के सरेंडर से खुला राज़

इस ऑपरेशन की सफलता के पीछे एक बड़ा कारण था – मोडेम बालकृष्ण के निजी गार्ड कैलाश का आत्मसमर्पण। उसने ही सुरक्षा एजेंसियों को न केवल ठिकानों की जानकारी दी, बल्कि मूवमेंट की टाइमिंग भी उजागर की। इसी सूचना के आधार पर ऑपरेशन को अंजाम दिया गया।

बीजापुर में अगली सुबह दो और नक्सली मारे गए

शुक्रवार सुबह बीजापुर जिले में भी सुरक्षा बलों ने दो और नक्सलियों को ढेर कर दिया। भारी मात्रा में विस्फोटक और एक 303 राइफल बरामद की गई है। मारे गए दोनों नक्सली दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र के थे।

अधिकारियों के बयान: “शस्त्र पूजन से पहले रक्त पूजन”

IG अमरेश मिश्रा ने कहा: “जवानों ने पहले ही कहा था — शस्त्र पूजन से पहले रक्त पूजन करेंगे, और उन्होंने वह कर दिखाया।”

SP निखिल राखेचा बोले: “8 माह पहले हमने आत्मसमर्पण की अपील की थी। जो भटके हैं, वे अब भी लौट सकते हैं।”

ADG विवेकानंद सिन्हा ने कहा: “नक्सलियों के पांव पसारने से पहले ही उनका नेटवर्क तोड़ दिया गया है। ऑपरेशन अभी भी जारी है।”

क्या यह नक्सलवाद पर निर्णायक चोट है?

विशेषज्ञ मानते हैं कि इस ऑपरेशन में जिन टॉप कमांडरों को खत्म किया गया है, वे न केवल संगठन के रणनीतिक दिमाग थे, बल्कि फंडिंग, ट्रेनिंग और तकनीकी सपोर्ट के मुख्य स्रोत भी थे। इससे पूरे पूर्वी और दक्षिणी भारत के नक्सली नेटवर्क को बड़ा झटका लगा है।

जवानों की बहादुरी को सलाम

इस ऑपरेशन ने यह साबित कर दिया कि मूल्यवान खुफिया सूचना, सटीक रणनीति और जवानों की बहादुरी से किसी भी नेटवर्क को नेस्तनाबूद किया जा सकता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button