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भारत-अमेरिका रिश्तों में आई नई गरमाहट, ट्रेड टैरिफ विवाद अब शांत होने की ओर

भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक तनाव अब ढलान पर है। लंबे समय से दोनों देशों के बीच टैरिफ को लेकर चली आ रही तनातनी अब सुलझती नजर आ रही है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने संकेत दिए हैं कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत पर लगाए गए कड़े टैरिफ को अब ‘फिक्स’ करने के मूड में हैं।

रुबियो ने साफ किया कि यह टैरिफ रूस से भारत द्वारा खरीदे जा रहे कच्चे तेल के कारण लगाए गए थे, लेकिन अब अमेरिका इस मुद्दे को सुलझाने के लिए तैयार है। दूसरी ओर, अमेरिका अब रूस पर कड़े टैरिफ लगाने की योजना बना रहा है और इसके लिए उसे भारत के साथ नरमी दिखानी होगी।

पहलगाम हमला: रिश्तों में खटास की शुरुआत

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के कारण अमेरिका-भारत रिश्तों में खटास आ गई थी। ट्रंप प्रशासन ने इसके बाद भारत के खिलाफ कई कठोर फैसले लिए – 50% तक का टैरिफ और H1B वीज़ा नीति में बदलाव इनमें प्रमुख थे। लेकिन भारत अपने रुख पर अडिग रहा।

रूस-यूक्रेन युद्ध में भारत की भूमिका पर उठे सवाल

अमेरिका का आरोप था कि भारत रूस से तेल खरीदकर रूस को आर्थिक रूप से मजबूत कर रहा है। अमेरिका को उम्मीद थी कि भारत का सपोर्ट बंद होते ही रूस युद्ध में कमजोर पड़ जाएगा। लेकिन भारत की विदेश नीति अडिग रही, और अब अमेरिका को अपने कदम पीछे खींचने पड़ रहे हैं।

रूबरू हुए जयशंकर और रुबियो

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र के दौरान एस. जयशंकर और मार्को रुबियो की मुलाकात ने रिश्तों में आई गर्माहट को और स्पष्ट कर दिया। करीब एक घंटे चली इस बैठक में व्यापार, ऊर्जा और रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा हुई।

रुबियो ने कहा – “भारत अमेरिका का बेहद अहम साझेदार है, खासकर व्यापार, ऊर्जा, फार्मा और क्रिटिकल मिनरल्स के मामलों में।”

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