भारत ने भूटान, नेपाल और श्रीलंका में भारतीय रुपयों में लोन देना शुरू किया

भारत ने अपनी करेंसी “रुपया” को इंटरनेशनल मंच पर खड़ा करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। अब भूटान, नेपाल और श्रीलंका के नागरिक और वहां की बैंक भारत के बैंकों से रुपए में लोन ले सकेंगे। ये सिर्फ एक वित्तीय निर्णय नहीं, बल्कि भारत की मुद्रा को ग्लोबल करेंसी बनाने की एक ठोस कोशिश है।
ये है भारत की तीन-स्तरीय रणनीति:
रुपए में क्रॉस बॉर्डर लोन की अनुमति
मुख्य विदेशी मुद्राओं के लिए पारदर्शी रेफरेंस रेट तैयार करना
SRVA खातों का उपयोग निवेश के लिए करना
इससे ना केवल रुपया मजबूत होगा, बल्कि इसका असर युआन और डॉलर जैसी बड़ी मुद्राओं पर भी देखने को मिल सकता है। अगर ये मॉडल सफल रहा, तो भारत की नजर अब साउथ ईस्ट एशिया और अफ्रीका के देशों पर होगी।
UPI और डिजिटल रुपया ने पहले ही बना दी है मजबूत नींव
भारत का यूपीआई ग्लोबली छा चुका है, और डिजिटल रुपया जल्द आने वाला है। ये सारी पहलें मिलकर रुपए को ग्लोबल ट्रेड में नई पहचान दिला रही हैं।
RBI की रणनीति से दुनिया में हलचल
भारत धीरे-धीरे एक ऐसी मुद्रा प्रणाली विकसित कर रहा है जो ना सिर्फ घरेलू जरूरतों को पूरा करे, बल्कि वैश्विक लेन-देन में भी उपयोगी और भरोसेमंद साबित हो।