क्रिकेट की ऋचा अब बनीं DSP घोष — वर्ल्ड कप हीरोइन को मिला राज्य का बड़ा सम्मान

भारत की युवा क्रिकेटर ऋचा घोष ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है। वर्ल्ड कप 2025 में अपने शानदार प्रदर्शन से भारत को चैंपियन बनाने वाली इस स्टार खिलाड़ी को पश्चिम बंगाल सरकार ने अब बंगाल पुलिस में DSP (Deputy Superintendent of Police) के पद पर नियुक्त किया है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार, 8 नवंबर को कोलकाता के प्रतिष्ठित ईडन गार्डन्स स्टेडियम में आयोजित सम्मान समारोह के दौरान ऋचा को यह नियुक्ति पत्र भेंट किया।
इस मौके पर उन्होंने ऋचा की मेहनत, लगन और देशभक्ति की सराहना करते हुए कहा — “ऋचा न सिर्फ बंगाल, बल्कि पूरे भारत की शान हैं।”
सम्मान की बरसात
पश्चिम बंगाल सरकार ने ऋचा को ‘बंगा भूषण’ सम्मान से नवाज़ा — यह राज्य का सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार है।
क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल (CAB) ने भी उन्हें ₹34 लाख का नकद इनाम दिया।
साथ ही, उन्हें गोल्डन बैट और बॉल भेंट की गई, जिस पर सौरव गांगुली और झूलन गोस्वामी के हस्ताक्षर थे।
राज्य सरकार की ओर से एक सोने की चेन भी उपहार स्वरूप दी गई।
ऋचा की वर्ल्ड कप परफॉर्मेंस
22 साल की ऋचा घोष ने 8 मैचों में 235 रन बनाए, औसत 39.16 और स्ट्राइक रेट 133.52 रहा।
उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में 12 छक्के लगाए — जो महिला वर्ल्ड कप इतिहास में सबसे ज्यादा छक्कों के रिकॉर्ड की बराबरी है।
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 94 रनों की यादगार पारी और फाइनल में उनके 34 अहम रन भारत की जीत की नींव बने।
DSP बनने का सम्मान और वेतन
DSP के रूप में ऋचा का बेसिक वेतन करीब ₹56,100 प्रतिमाह होगा।
इसमें DA, HRA, ट्रांसपोर्ट और अन्य भत्ते शामिल होने से उनकी इन-हैंड सैलरी और भी बढ़ेगी।
यह नियुक्ति न केवल महिला सशक्तिकरण का प्रतीक है, बल्कि यह दिखाती है कि खेल के मैदान से भी प्रशासनिक नेतृत्व तक पहुंचा जा सकता है।
प्रेरणा की मिसाल
सिलीगुड़ी के छोटे से शहर से निकलकर वर्ल्ड कप चैंपियन टीम और अब DSP की कुर्सी तक पहुंचने वाली ऋचा घोष की यह यात्रा लाखों युवाओं, खासकर बेटियों के लिए प्रेरणा है।
उनकी कहानी बताती है — “सपने अगर सच्चे हों, तो रास्ते खुद बन जाते हैं।”


