एलडब्ल्यूई जिलों में बुनियादी ढांचा और आजीविका विकास पर समीक्षा बैठक, ग्रामीण क्षेत्रों की जरूरतों पर फोकस

रायपुर। एलडब्ल्यूई जिलों में विकास कार्यों और शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर अपर मुख्य सचिव गृह मनोज कुमार पिंगुआ की अध्यक्षता में बुधवार को कलेक्टोरेट के प्रेरणा कक्ष में समीक्षा बैठक आयोजित हुई।
बैठक में एनसीएईआर सर्वे के आधार पर केंद्रीय स्तर पर जिलों के बुनियादी ढांचा अंतराल पर चर्चा की गई। विशेष रूप से बस्तर संभाग के जिलों में सड़क और पुल-पुलिया निर्माण, मोबाइल टावर की आवश्यकता, विद्युत आपूर्ति, प्राथमिक विद्यालय भवन, विद्यार्थियों की उपस्थिति, मिड-डे मील की स्थिति, स्वास्थ्य सेवाएं, आंगनबाड़ी केंद्रों की व्यवस्था और आजीविका साधनों के विकास पर समीक्षा की गई। साथ ही केंद्र सरकार से प्राप्त होने वाले बजट पर भी विमर्श हुआ।
संयुक्त सचिव (एलडब्ल्यूई) राजीव कुमार ने कहा कि नक्सल मुक्त क्षेत्रों के ग्रामीणों के लिए आजीविका मिशन के तहत माइक्रो प्लानिंग करके स्थानीय जरूरतों और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर कार्ययोजना तैयार की जाए।
प्रमुख सचिव (पंचायत एवं ग्रामीण विकास) निहारिका बारिक ने सभी जिलों से स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप विशेष प्रोजेक्ट तैयार करने और सड़क एवं पुल-पुलिया निर्माण कार्यों को तय समय सीमा में पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने अंदरूनी बसाहटों में विद्युतीकरण और ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ सर्विस सेक्टर में रोजगार सृजन पर जोर दिया।
बैठक में सचिव (गृह विभाग) नेहा चम्पावत, एडीजी नक्सल ऑपरेशन विवेकानंद सिन्हा, आईजी (सीएएफ) बीएस ध्रुव, आईजी बस्तर रेंज सुंदरराज पी., प्रभारी कमिश्नर और कलेक्टर बस्तर हरिस एस सहित बस्तर संभाग के सभी जिलों व मोहला-मानपुर के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, जिला पंचायत सीईओ और सभी विभागों के संभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।




