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जगदलपुर में बस्तर हाईस्कूल का शताब्दी उत्सव; शिक्षा, विकास और नई घोषणाओं के बीच इतिहास फिर हुआ जीवंत

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज जगदलपुर पहुँचे, जहाँ उन्होंने शासकीय जगतु माहरा बस्तर हाईस्कूल के शताब्दी वर्ष समारोह में भाग लिया। समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने विद्यालय परिवार को सौ वर्ष पूरे होने पर शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि शिक्षा ही किसी भी समाज के विकास की आधारशिला है। प्राचीन भारत की शिक्षा परंपराओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने नालंदा और तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालयों की गौरवशाली विरासत को याद किया।

साय ने कहा कि बस्तर हाईस्कूल और कांकेर का नरहरदेव विद्यालय, दोनों ही क्षेत्रों में शिक्षा के प्रमुख केंद्र रहे हैं। उन्होंने बताया कि 1926 में जब इस संस्थान की नींव रखी गई थी, तब संसाधन सीमित थे, लेकिन स्कूल ने सौ वर्षों में अनगिनत प्रतिभाएँ तैयार की हैं, जिनमें से कई पूर्व छात्र आज समारोह का हिस्सा बने। उन्होंने संस्था की आगे की प्रगति के लिए शुभकामनाएँ दीं।

राज्य के 25 वर्ष पूर्ण होने पर बधाई देते हुए साय ने बस्तर हाईस्कूल के जीर्णोद्धार के लिए डेढ़ करोड़ रुपए और पोस्ट-मैट्रिक छात्रावास भवन के निर्माण की घोषणा की। साथ ही विद्यालय की अन्य आवश्यकताओं को प्राथमिकता से पूरा करने का भरोसा दिलाया।

कार्यक्रम में शैलेंद्र सिंह ठाकुर की ओर से स्कूल को दिए गए दो ड्रोन उन्हें टोकन रूप में सौंपे गए, वहीं 50 और ड्रोन उपलब्ध कराने की सहमति भी दी गई, जिससे तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही साय ने शताब्दी समारोह पट्टिका का अनावरण किया, दो स्मार्ट क्लासों का लोकार्पण किया और ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत परिजात का पौधा भी रोपा।

समारोह का शुभारंभ ध्वजारोहण, मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन और स्मारिका विमोचन के साथ हुआ। साय ने एक न्योता भोज में स्कूली बच्चों को भोजन भी परोसा तथा सुरक्षा बलों में शहीद हुए सात पूर्व छात्रों के चित्रों पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

शिक्षा मंत्री गजेन्द्र यादव ने कहा कि 1926 से शुरू हुआ यह ऐतिहासिक विद्यालय आज गर्व का प्रतीक है। पूर्व छात्रों और शिक्षकों के योगदान का स्मरण करते हुए उन्होंने विद्यार्थियों से वरिष्ठों के अनुभव से सीखने का आग्रह किया और स्कूल की जरूरतों को पूरा करने की बात कही।

जगदलपुर विधायक और स्कूल के पूर्व छात्र किरण देव ने बताया कि अविभाजित बस्तर में बस्तर हाईस्कूल और नरहरदेव हाईस्कूल ही प्रमुख शिक्षा केंद्र थे। उन्होंने कहा कि इस संस्था ने आईएएस, डॉक्टर, इंजीनियर, प्राध्यापक और उद्यमी जैसी सफल प्रतिभाएँ दी हैं। उन्होंने विद्यालय के जीर्णोद्धार का अनुरोध भी रखा।

कार्यक्रम के आरंभ में प्राचार्य बी.एस. रामकुमार ने स्कूल के इतिहास और उपलब्धियों का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में वन मंत्री केदार कश्यप, सांसद महेश कश्यप, विधायक विनायक गोयल, अध्यक्ष श्रीनिवास राव मद्दी, आयोग अध्यक्ष रूपसिंह मंडावी सहित अनेक जनप्रतिनिधि, अधिकारी, पूर्व और वर्तमान छात्र उपस्थित रहे।

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