उम्र, राजनीति और सवाल — शरद पवार का बयान चर्चा में

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन के साथ ही सियासी हलकों में एक नई बहस गर्म हो गई है — क्या अब उन्हें राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए?
विपक्ष सवाल उठा रहा है, और इसी बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने इस मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है।
85 वर्षीय पवार ने कहा,
“मैं किस नैतिक अधिकार से यह बात कहूं? मैं खुद 85 साल का हूं और आज भी राजनीति में सक्रिय हूं।”
उन्होंने साफ कहा कि जब वे खुद उम्र की सीमाओं से आगे निकलकर जनता के बीच काम कर रहे हैं, तो किसी दूसरे नेता को रिटायरमेंट की सलाह देना उनके लिए उचित नहीं।
इस बहस की जड़ है भाजपा की वो नीति, जिसके तहत पहले लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे वरिष्ठ नेताओं को 75 वर्ष की उम्र के बाद एक्टिव राजनीति से दूर कर दिया गया था। अब विपक्ष सवाल उठा रहा है — “तो क्या वही नियम मोदी पर भी लागू नहीं होना चाहिए?”
इस पर जवाब देते हुए पवार ने कहा कि भाजपा खुद अब इस सिद्धांत से पीछे हट रही है और कह रही है कि ऐसा कोई नियम कभी था ही नहीं।
पवार का तर्क साफ है —
“राजनीति उम्र नहीं, सक्रियता और जनता के लिए काम करने की क्षमता पर चलती है।”
बातचीत के दौरान उन्होंने एक और मुद्दा उठाया — महाराष्ट्र के किसानों की स्थिति।
उन्होंने कहा कि इस समय लगातार बारिश और प्राकृतिक आपदा के कारण किसानों को बड़ा नुकसान हुआ है और सरकार को तुरंत राहत देने के लिए कदम उठाने चाहिए।


