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ई-रिक्शा बना नई उम्मीद: दिव्यांग चंदन निलहर की जिंदगी बदली, स्वावलंबन योजना बनी सहारा

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार दिव्यांगजनों को आर्थिक मजबूती और सम्मानपूर्ण जीवन देने के लिए लगातार काम कर रही है। इसी प्रयास का असर रायपुर जिले के देवपुरी में रहने वाले चंदन निलहर की जिंदगी में साफ दिखाई देता है। जन्म से दिव्यांग और बेहद कमजोर आर्थिक स्थिति के बावजूद चंदन ने हार नहीं मानी। परिवार की जिम्मेदारी संभालने के लिए संघर्ष करते हुए उन्होंने समाज कल्याण विभाग से ई-रिक्शा के लिए ऋण आवेदन दिया। जांच के बाद वर्ष 2024 में उन्हें 3,44,730 रुपये का ऋण स्वीकृत किया गया।

कम ब्याज पर मिले इस ऋण से उन्हें ई-रिक्शा मिला और यहीं से उनकी जिंदगी की दिशा बदल गई। आज चंदन रोजाना ई-रिक्शा चलाकर अच्छी आय अर्जित कर रहे हैं। घर की आर्थिक स्थिति सुधरी है और उनमें आत्मविश्वास भी बढ़ा है। यह योजना उनके लिए सिर्फ एक आर्थिक सहारा नहीं, बल्कि सम्मानजनक जीवन का रास्ता साबित हुई है।

दिव्यांगजन स्वावलंबन योजना को लेकर विभाग का कहना है कि यह सिर्फ सहायता नहीं, बल्कि लोगों के जीवन में वास्तविक परिवर्तन का माध्यम बन रही है। चंदन निलहर जैसे कई लोग आज आत्मनिर्भर बनकर समाज में प्रेरक उदाहरण पेश कर रहे हैं। यह योजना साबित करती है कि सही समर्थन और संवेदनशील शासन मिलकर किसी का भविष्य बदल सकते हैं।

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