छत्तीसगढ़ विधानसभा में हंगामा: मनरेगा का नाम बदलने पर भिड़े सत्ता और विपक्ष, गूंजे “गांधी परिवार के गुलामों हाय-हाय” के नारे

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में सोमवार, 17 दिसंबर को मनरेगा योजना का नाम बदलने को लेकर जमकर हंगामा हुआ। कार्यवाही की शुरुआत से ही सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने आ गए। अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के पहले प्रश्न लेते ही विपक्षी विधायकों ने तख्तियां और नारों के साथ विरोध शुरू कर दिया।
भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने विपक्ष की इस हरकत पर आपत्ति जताते हुए कहा कि “सदन की गरिमा का सम्मान होना चाहिए” और प्रश्नकाल के दौरान पोस्टर लहराना परंपराओं के खिलाफ है। इसी बीच कांग्रेस विधायकों ने “सत्यमेव जयते” लिखे स्लोगन और पोस्टर लेकर नारेबाजी शुरू कर दी। इस दौरान सदन में “गांधी परिवार के गुलामों हाय-हाय” और “शर्म करो” जैसे नारे भी लगे, जिससे पूरा सदन गूंज उठा।
हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कई बार नियमों का हवाला देते हुए विधायकों से शांति बनाए रखने की अपील की, लेकिन विरोध जारी रहा। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और वरिष्ठ कांग्रेस नेता चरणदास महंत ने प्रमुखता से मोर्चा संभाला।
दरअसल विवाद की जड़ है राज्य सरकार द्वारा मनरेगा (महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना) का नाम बदलकर “विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन ग्रामीण (VBG-RAM जी)” करने का निर्णय। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा सरकार ने इस योजना के नाम में “राम जी” जोड़कर कांग्रेस की मूल योजना को saffronize करने की कोशिश की है।
इसके अलावा कांग्रेस नेताओं ने अपने “सत्यमेव जयते” अभियान के तहत यह भी जताया कि राष्ट्रीय हेराल्ड मामले में राहुल गांधी और सोनिया गांधी को मिली राहत के बाद वे “सत्य की जीत” का प्रतीक दिखाना चाहते थे। वहीं भाजपा विधायकों ने आरोप लगाया कि “विपक्ष मुद्दों से भटकाकर सदन की कार्यवाही बाधित कर रहा है”।
लगातार नारेबाजी के चलते प्रश्नकाल बाधित रहा और सदन की कार्यवाही आगे नहीं बढ़ पाई। जनता से जुड़े सवाल उठाने का अवसर खो जाने पर अध्यक्ष ने दोनों पक्षों से संयम बरतने की अपील की।



