समंदर की गहराइयों से भारत की ताकत का संदेश, INS अरिघात से K-4 मिसाइल परीक्षण सफल

भारत ने अपनी सामरिक शक्ति को और धार देते हुए मंगलवार को बंगाल की खाड़ी में परमाणु संचालित पनडुब्बी INS अरिघात से 3,500 किलोमीटर रेंज वाली K-4 बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया। यह परीक्षण विशाखापत्तनम तट के समीप किया गया, जिसने भारत की समुद्री परमाणु क्षमता को नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है।
हालांकि रक्षा मंत्रालय की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ, लेकिन सूत्रों के मुताबिक यह ठोस ईंधन से लैस मिसाइल थी, जो लगभग दो टन परमाणु पेलोड ले जाने में सक्षम है। K-4 का यह परीक्षण भारत के परमाणु त्रिकोण के समुद्री चरण को और मजबूत करता है।
सूत्रों का कहना है कि इस लॉन्च का विस्तृत तकनीकी विश्लेषण किया जाएगा, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि सभी मिशन पैरामीटर पूरी तरह सफल रहे हैं। पनडुब्बी से दागी जाने वाली बैलिस्टिक मिसाइलों को पूर्ण ऑपरेशनल स्टेटस तक पहुंचाने के लिए कई चरणों के परीक्षण जरूरी होते हैं।
दो-चरणीय K-4 मिसाइल का पहले समुद्र में सबमर्सिबल प्लेटफॉर्म से कई बार परीक्षण किया जा चुका है, लेकिन नवंबर 2024 में इसे पहली बार INS अरिघात से लॉन्च किया गया था। अगस्त 2024 में कमीशन हुई यह 6,000 टन वजनी SSBN भारत की दूसरी परमाणु पनडुब्बी है, जो रणनीतिक बल कमांड के तहत संचालित होती है।
भारत अपने SSBN बेड़े का तेजी से विस्तार कर रहा है। INS अरिहंत के बाद अब INS अरिदमन समेत नई पनडुब्बियों को आने वाले वर्षों में शामिल किया जाएगा, जो अधिक शक्तिशाली रिएक्टर और लंबी दूरी की मिसाइलों से लैस होंगी। साथ ही भविष्य में K-5 और K-6 जैसी 5,000 से 6,000 किलोमीटर रेंज की मिसाइलें भारत की सामरिक पहुंच को और व्यापक बनाएंगी।
यह परीक्षण न सिर्फ भारत की ‘नो फर्स्ट यूज’ नीति को मजबूत करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि देश किसी भी संभावित खतरे का समुद्र की गहराइयों से निर्णायक जवाब देने में सक्षम है।



