छत्तीसगढ़ बंद में मैग्नेटो मॉल बना अराजकता का मैदान, लाठी-डंडों के साथ घुसकर तोड़फोड़, स्टाफ दहशत में

छत्तीसगढ़ बंद के बीच रायपुर का मैग्नेटो मॉल उस वक्त अफरातफरी का केंद्र बन गया, जब लाठी-डंडों से लैस 30–40 लोगों का एक समूह जबरन भीतर घुस आया। आरोप है कि इन लोगों ने मॉल में मौजूद कर्मचारियों से धर्म और जाति को लेकर सवाल-जवाब किए और देखते ही देखते तोड़फोड़ शुरू कर दी। बंद होने के बावजूद मॉल में हुई इस हिंसा से स्टाफ और सुरक्षा कर्मियों में भय का माहौल बन गया।
मैग्नेटो मॉल की मार्केटिंग हेड आभा गुप्ता के अनुसार, मॉल पहले से बंद था और बंद का समर्थन भी किया गया था, इसके बावजूद 50 से 100 लोग जबरदस्ती अंदर घुस आए। उनके हाथों में लाठी, हॉकी स्टिक थे और वे कर्मचारियों से ‘हिंदू या क्रिश्चियन’ होने तक की पूछताछ कर रहे थे। आईडी कार्ड और बैच देखकर सवाल पूछे जा रहे थे, जिससे हालात और तनावपूर्ण हो गए।
उन्होंने बताया कि भीड़ बेहद आक्रामक थी, आशंका थी कि किसी को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है। कई कर्मचारी डर के मारे रोने लगे। पुलिस के पहुंचने से पहले मॉल में व्यापक नुकसान हो चुका था। शुरुआती आकलन के मुताबिक, इस तोड़फोड़ से 15 से 20 लाख रुपये का नुकसान हुआ है, हालांकि नुकसान से ज्यादा भय और असुरक्षा की भावना गहरी रही।
सीसीटीवी फुटेज में डंडे लिए लोगों का मॉल में घुसकर हंगामा करना साफ दिखाई देता है। पुलिस ने इस मामले में 30–40 आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं 115(2), 190, 191(2), 324(2) और 331(3) के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। प्रशासन ने सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।
इस घटना के बाद एहतियातन विधानसभा रोड स्थित अंबुजा मॉल को खाली कराया गया और शाम को आने वाले लोगों को वापस लौटा दिया गया। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए मॉल के बाहर अतिरिक्त सुरक्षा तैनात की गई। इससे पहले बंद के दौरान ब्लिंकिट ऑफिस में हुई मारपीट की घटना ने भी शहर में चिंता बढ़ा दी थी।




