
छत्तीसगढ़ विधानसभा में बजट सत्र जारी है. मंगलवार को प्रश्नकाल हंगामेदार रहा. सुबह 11 से 12 तक चले इस प्रश्नकाल में अजय चन्द्राकार व सत्ता पक्ष के विधायकों के बीच नोकझोंक हुई. प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी को लेकर अजय चन्द्राकर ने सरकार से सवाल किए. इसके शराबंदी के मुद्दे को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने सरकार को घेरने की कोशिश की. इस पर मुख्यमंत्री भूपेश् बघेल ने मोर्चा संभाला.
दरअसल अजय चन्द्राकर ने सवाल किया कि प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी को लेकर सरकार ने एक अध्ययन समिति बनाने की बात कही थी. अध्ययन समिति बन गई क्या और यदि बन गई तो उसमें कौन कौन लोग शामिल हैं. इसके जवाब में मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि इस ओर काम किया जा रहा है. इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने सवाल किया कि कांग्रेस ने अपने जनघोषणा पत्र में इस मुद्दे को शामिल किया था. फिर इसे लागू करने में देरी क्यों की जा रही है.
अजीत जोगी ने कहा कि घोषणा पत्र में कोई भी मुद्दा शामिल करने से पहले उसका अध्ययन किया जाता है. स्वभाविक है कि शराबबंदी को लेकर भी अध्ययन किया गया होगा. ऐसे में दोबारा अध्ययन करने की जरूरत क्यों पड़ रही है. प्रदेश में शराबबंदी लागू करने में देरी क्यों हो रही है?
इसके जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि सरकार पूर्ण शराबबंदी के लिए प्रतिबद्ध है. प्रदेश की जनता ने हमें पांच साल के लिए चुना है. न कि पचास दिन के लिए. जितने भी वादे हमने जनता से किए थे, सारे पूरे होंगे. उसमें शराबबंदी भी शामिल है. शराबबंदी को नोटबंदी की तरह लागू नहीं किया जाएगा. इसके लिए दो अध्ययन समिति बनेगी, इसमें एक समिति उन राज्यों का दौरा करेगी, जहां शराबबंदी लागू है. वहां शराबबंदी के बाद की स्थिति का पता लगाया जाएगा. इसके अलावा दूसरी समिति इस बात का अध्यययन करेगी कि शराबबंदी के बाद प्रदेश में दूसरे राज्यों से शराब अवैध तरीके से न आए, इसके लिए क्या उपाय किए जाएं.