नईदिल्ली : बजट में अनदेखी पर तेदेपा का हंगामा
नई दिल्ली : तेलुगू देशम पार्टी के सदस्यों ने आम बजट में आंध्रप्रदेश की अनदेखी के विरोध में लोकसभा में नारेबाजी की। उनकी मांगों पर गौर करने के संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार के आश्वासन भी दिया और शांत रहने के लिए अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने अनुरोध भी किया। जिसकेबावजूद आज सदन में शोरशराबा और हंगामा जारी रखा। तेदेपा सांसदों ने प्रश्नकाल के दौरान ही अध्यक्ष के आसन के समीप आकर आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने तथा अन्य मांगों को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी थी।
प्रश्नकाल समाप्त होने के बाद स्पीकर सुमित्रा महाजन ने तेदेपा सदस्यों से अपनी सीटों पर जाने का अनुरोध किया लेकिन सदस्यों ने उनकी बात अनसुनी कर दी। इस पर अध्यक्ष ने सख्त लहजे में कहा कि वे असंख्य तरीके से बर्ताव कर रहे हैं। तेदेपा सदस्यों ने हाथों में तख्तियां ले रखीं थी जिन पर लिखा था, कडप्पा इस्पात संयंत्र स्थापित करो, रेलवे जोन घोषित करो, पोल्लावरम परियोजना 2019 तक पूरी करो। वे श्वी वांट जस्टिसश् और श्वादों का क्या हुआश् जैसे नारे भी लगा रहे थे। एक सदस्य ने गले में माला भी पहन रखी थी और मंजीरा बजा रहे थे। अपनी मांगों की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए सदस्य बीच-बीच में भजन भी गा रहे थे। शोरशराबे और नारेबाजी के बीच ही अध्यक्ष ने जरूरी दस्तावेज सदन पटल पर रखवाए। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरू करने की अनुमति दी लेकिन तेदेपा सांसदों की नारेबाजी जारी रही। कुमार ने तेदेपा सदस्यों से शांत रहने का अनुरोध करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार उनकी मांगों को लेकर संवेदनशील है जो आंध्रप्रदेश के विकास से जुड़ी हुई हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार उनकी मांगों पर गौर करेगी। कुमार ने कहा कि धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा देर रात तक चलेगी।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरू
लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश करते हुए भाजपा के राकेश सिंह ने कहा कि कुछ लोगों को बुरा लग सकता है लेकिन उन्होंने महात्मा गांधी के उत्तराधिकारी के रूप में 70 साल निकाल दिये, 55 वर्ष सत्ता में रहे लेकिन उनकी प्राथमिकता में ‘स्वच्छता’ का विषय कभी नहीं आया। आधी आबादी खुले में शौच जाने के लिये मजबूर थी। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार आने के बाद प्रधानमंत्री ने स्वच्छता के विषय पर जोर दिया, क्योंकि अगर हम विश्व में नेतृत्व की बात करते हैं तब स्वच्छता के मानदंडों पर खड़े हुए बिना ऐसा संभव नहीं है। भाजपा सांसद ने सवाल किया कि महात्मा गांधी के असली उत्तराधिकारी कौन हैं ? क्या ऐसे लोग हैं जिन्होंने उनका नाम लेकर 55 वर्षो तक सत्ता का सुख भोगा? या वो जिन्होंने पिछले साढ़े तीन वर्षो के दौरान स्वच्छता अभियान को आगे बढ़ाया