छत्तीसगढ़बस्तर

जगदलपुर : धुर नक्सलगढ़ में पुलिस ने लगायी चौपाल

 जगदलपुर :  सुकमा जिले में चलाये जा रहे नक्सल विरोधी तेदमुंता बस्तर अभियान के तहत आज हम दोरनापाल से लगभग 10 किमी की दूरी पर स्थित अति नक्सल प्रभावित ग्राम मेड़वाही पहुँचे। इसके पूर्व भी हम उक्त ग्राम में बैठक कर चुके है। मेड़वाही वही गाँव है, जहाँ पिछले साल 4 फरवरी 2017 को ग्राम के पटेल सरियम बुच्चा की माओवादियों द्वारा नृशंसता पूर्वक हत्या कर दी गयी थी, इस हत्या के बाद सभी ग्रामीण माओवादियों के दहशत के शिकार हो गए थे इससे पूर्व भी माओवादियों द्वारा ग्राम के 4 ग्रामीणों की हत्या की जा चुकी है, नक्सलियों को जब जब ऐसा लगता है कि गांव में उनकी पकड़ कमजोर हो रही है, तो वे इसी तरह ग्रामीणों को मारकर अपना आंतक पुन: स्थापित करते है। पुलिस रिकॉर्ड में अगर हम इस गाँव का इतिहास देखे तो 1984-85 तक यह साफ लिखा है कि यह एक शांतिप्रिय गाँव है, जिसके निवासी पकृति के साथ जीते हंै। लेकिन उसके बाद इस गाँव के इतिहास में यह बात देखने को मिलती है कि यहाँ नक्सली गतिविधियां बढ़ गयी हैं, एवम माओवादियों के कारण गाँव में हिंसा एवम अशांति का माहौल है और यही स्थिति इस क्षेत्र के अन्य ग्रामों की भी है।   मेड़वाही गांव में मुख्यत: मुरिया एवम दोरला जनजाति के लोग निवास करते है जो दोरली एवम गोंडी दोनों बोली बोलते है, ग्राम की अधिकांश जनता अशिक्षित है। 1519470706ASTARयहाँ भी लगभग 25 से अधिक बच्चे ऐसे मिले जो स्कूल नहीं जा रहे है एवम शाला त्यागी बच्चों की संख्या भी बहुत ज्यादा थी। यहाँ शिक्षा के प्रति ग्रामीणों को जागरूक करने की अत्यधिक आवश्यकता महसूस हुई। हमनें वहाँ उपस्थित ग्रामीणों को अपने सभी बच्चों को स्कूल भेजने हेतु प्रेरित किया।
उक्त ग्राम में विद्युत सुविधा नहीं है, कुछ समय पूर्व सरकार द्वारा विद्युत सुविधा पहुँचाने हेतु विद्युत खंबे ग्राम में पहुँचाये गए थे, जिसे नक्सलियों द्वारा क्षतिग्रस्त कर दिया गया। हमारे समझाने पर  ग्रामवासियों द्वारा हमसे वादा किया गया कि अब वे नक्सलियों को अपने ग्राम में विकास कार्य को रोकने नही देंगे, एवम उनका विरोध करेंगे। साथ ही सरकार द्वारा किये जा रहे सडक़ निर्माण एवम विद्युत व्यवस्था कार्य मे अपना सहयोग प्रदान करेंगे। ग्रामीणों को सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न विकासात्मक योजनाओं, आत्मसमर्पण नीति आदि के बारे में बताया गया, साथ ही यह भी बताया गया कि वे कैसे इसका लाभ उठा सकते है। हमने मेड़वाही के ग्रामीणों को ग्राम के स्थायी वारंटी नक्सलियों के नाम बताए, एवम उनको आत्मसमर्पण करवाने एवम समाज की मुख्यधारा में शामिल होने हेतु प्रेरित करने कहा। उक्त ग्राम के ग्रामीणों को हमारे मेडिकल टीम के माध्यम से चिकित्सा सुविधाएं भी प्रदान की गई।
 

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