केंद्र और योगी से संतों के सवाल, मदिरालय खुले तो देवालय क्यों बंद ?

वाराणसी. मदिरायल खोले जाने को लेकर केंद्र औऱ योगी सरकार से अब सवाल पूछे जाने लगे हैं, दरअसल 40 दिनों तक पूरे देश में मदिरालय बंद हरने के बाद आखिरकार 4 मई को इन्हें देशभर में खोल दिया गया, अब इस पर सवाल उठने लगे हैं, हालांकि इसके लिए यूपी की योगी सरकार ने नई गाइडलाइन जारी करते हुए सोमवार से शराब की बिक्री शुरू कर दी.
एक तरफ सरकार के इस फैसले से मदिरा प्रेमियों के चेहरे तो खिल गए हैं, लेकिन दूसरी तरफ सरकार के इस फैसले के बाद बाद काशी विद्वत परिषद ने सवाल खड़े किए हैं. परिषद ने केंद्र और यूपी सरकार से सवाल किया है कि जब पूरे देश में मदिरालय खुल सकते हैं , तो देवालय क्यों बंद हैं उन्हें क्यों नहीं खोला जाना चाहिए, जहां आत्मिक शांति मिलती है.
शराब की दुकान खुलते ही, लॉकडाउन पर शराब के शौकीनों का हुजूम भारी पड़ा और लगभग 5 करोड़ की शराब खरीद ली. बहरहाल, शराब के दुकानों को सरकार ने देश की अर्थव्यवस्था को ध्यान में रख कर खोला है, जिसका लाभ भी सरकार को पहले दिन ही मिला. लेकिन, इस फैसले से धर्मनगरी में देवालय के खोलने को भी उम्मीद लगा ली है. वाराणसी की सबसे पुरानी धर्म संगठन ने सरकार से अब देवालय खोलने की अपील की है.
काशी विद्वत परिषद के मंत्री राम नारायण द्विवेदी ने केंद्र सरकार और यूपी सरकार से अपील की है कि मदिरालय के बाद अब देवालय भी खुलने चाहिए. एक निश्चित समय तक के लिए प्रत्येक दिन मंदिर खुलना चाहिए. शहर के मुख्य मंदिरों जैसे काशी विश्वनाथ मंदिर, संकट मोचन और दुर्गा मंदिर के मुख्य द्वार खोले जाने चाहिए, जिससे भक्त दर्शन कर पाएं और उन्हें आत्मिक शांति मिल सके.
परिषद का कहना है कि मंदिर में दर्शन के लिए भक्त पहले से ही लाइन लगाकर दर्शन करते हैं. इसलिए कुछ घंटों के लिए छूट देना चाहिए. इसमें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाते हुए दर्शन कराया जाए. परिषद ने मदिरायल खोलने पर कोई नाराजगी नहीं जाहिर की बस उन्हें उम्मीद है कि अब देवालय खोलने पर भी निर्णय ले लेना चाहिए.
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