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गोल्ड कोस्ट : अपने पापा के लिए किसी से भी लड़ जाऊंगी: साइना

 गोल्ड कोस्ट : साइना नेहवाल ने रविवार को कहा कि उन्हें कॉमनवेल्थ गेम्स से पहले खेल गांव में ठहरने को लेकर अपने पिता के लिए आवाज उठाने का कोई खेद नहीं है। तब उन्होंने एकल और टीम स्पर्धा से हटने की धमकी तक दे डाली थी।
साइना ने हमवतन और शीर्ष वरीयता प्राप्त पीवी सिंधु को हराने के बाद कहा, ‘मुझे अपने पिताजी के लिए कहीं भी किसी से भी भिडऩे में परहेज नहीं है। लोगों का कहना है कि मैंने अपने पिता को पहले रखा लेकिन ऐसा नहीं है। अगर ऐसा होता तो मैं अपने देश के लिये पदक नहीं जीतती।

उन्होंने अपने पिता को खेल गांव में प्रवेश नहीं मिलने के बारे में कहा, ‘मुझसे क्यों कहा गया कि सारी व्यवस्था कर दी गयी है जबकि ऐसा नहीं किया गया था। अगर मुझे पता होता तो मैं उनके लिए होटल में कमरा बुक करवा देती। उन्हें निजी कोच का मान्यता पत्र मिला था और लंबी यात्रा के बाद मुझे इस तरह की स्थिति से जूझना पड़ा।’

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साइना ने कहा कि इससे उनका ध्यान भंग हुआ और इससे वह काफी तनाव में थी। उन्होंने कहा, ‘दो दिन तक मैं सो तक नहीं पायी। मैं वहां तीन-चार घंटे बैठे नहीं रह सकती थी। मैं सरकारी अधिकारी नहीं हूं। मैं एक खिलाड़ी हूं। मैंने मैच खेलने होते हैं। सिंधु टीम स्पर्धा में नहीं खेल रही थी और मुझे वहां अच्छा प्रदर्शन करना था। कई बार चीजों को सामान्य होने में समय लगता है लेकिन मुझे लगता है कि अगर मैंने तब वैसा रवैया नहीं अपनाया होता तो ऐसा नहीं होता।’
दो दिन तक सो नहीं पाई
साइना ने कहा, ‘वह दो दिन तक खेल गांव के बाहर बैठे रहे। वह यहां तक कि डाइनिंग हॉल तक नहीं आ पाए। उनके यहां आने का क्या मतलब था। यह तनावपूर्ण स्थिति थी लेकिन आपको इससे लडऩा होता है। मुझे विश्राम की जरूरत थी। रोजर फेडरर कहता है कि वह 10-12 घंटे सोता है और मैं आधे घंटे भी नहीं सो पायी क्योंकि मेरे पिता बाहर बैठे हुए थे। मैं कैसे सो पाती।’

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