भुवनेश्वर/रायपुर : बिलासपुर जोन सोमवार को रेल हादसे में दो जंगली हाथियों की मौत हो गई। मिली जानकारी के अनुसार ओडिसा के झरसुगुड़ा से आगे बागडीह- धुतरा के बीच 12810 हावड़ा- मुंबई मेल एक्सप्रेस के चपेट में आने से दो हाथियों की मौत हो गई।यह टक्कर इतनी तेज थी कि हाथी के टकराने से ट्रेन का इंजन भी क्षतिग्रस्त हो गया। हादसे में मादा हाथी के साथ नन्हा हाथी भी मारा गया है। हादसे के बाद ट्रेन को किसी तरह सक्ति स्टेशन तक लाया गया।जहां दूसरा इंजन लगाया गया।
बैकुंठपुर : पर्यावरण अनुकूलन के साथ वनवासियों के जीवन स्तर मे बदलाव लाना महत्वपूर्ण-श्रीमती तूलिका
बैकुण्ठपुर : क्षेत्र में वर्षा का स्तर सामान्य से भी अच्छा होता है परंतु सही ढंग से जल संचय और उसके उपयोग की व्यवस्था न होने से हमें जल का संकट होने लगा है। आने वाले बारिश से ही हमें जल संचय के बेहतर से बेहतर संसाधन के साथ ग्राम पंचायत मुरमा के वनवासियों के जीवन स्तर में बदलाव लाना ही हमारा मुख्य उद्देश्य है। यह काम हमें जल्द से जल्द और भविष्य की पूरी तैयारी के साथ करना होगा। क्षेत्र के जल स्रोत और उनके बेहतर संसाधन के लिए सभी तरह के प्रयास करने होंगे ताकि वर्षा का एक बूंद जल भी बेकार न जाए। उक्ताशय के निर्देश जिला पंचायत की मुख्यकार्यपालन अधिकारी श्रीमती तूलिका प्रजापति ने ग्राम पंचायत मुरमा में उपस्थित अधिकारियों को दिए। मुरमा के वनवासियों के बीच उन्होने कहा कि जल संचय के साथ उसके आवक व उपयोग के साथ भूतल को रिचार्ज करने के आंकड़ों का सही लेखा जोखा रखना पहली प्राथमिकता है। ताकि हमारे इस वनक्षेत्र को उत्पादक के साथ-साथ सघन व पानी की सदैव उपलब्धता का दीर्घकालिक परिणाम बनाया जा सके। जिला पंचायत की मुख्यकार्यपालन अधिकारी श्रीमती तूलिका प्रजापति ने सोमवार की सुबह सारे संबंधित अधिकारियों के साथ ग्राम पंचायत मुरमा पहुंचकर ट्रांजिक वाक किया।
श्रीमती तूलिका प्रजापति ने उपर से नीचे की ओर एक पैदल भ्रमण कर वस्तुस्थिति का अवलोकन कर जल संरचनाओं के निर्माण की जरूरतों का आंकलन किया और आइसीआरजी जल प्रबंधन विशेषज्ञ श्री राजपति वर्मा के साथ वहां की भोगोलिक परिस्थियों के संतुलन को बनाए रखते हुए बेहतर काम करने की संभावनाओं पर चर्चा की। श्रीमती तूलिका प्रजापति ने कहा कि कलेक्टर कोरिया श्री नरेंद्र कुमार दुग्गा के निर्देशानुसार हमें जंगल का संरक्षण करते हुए जल संचय करके आम ग्रामीणों के जीवन स्तर को उपर उठाना है। इसके लिए जरूरी है कि हम सिर्फ वैसी संरचनांए बनाएं जो सकारात्मक और दूरगामी परिणाम दें। क्योंकि कभी कभी जल्दबाजी के कारण हम परिस्थिजन्य संरचनाओ के उपर ध्यान देते हैं जबकि यह वातावरण के अनुकूल नहीं होती हैं।
इसलिए प्रत्येक वनवासियों के पटटाधिकार के क्षेत्र जहां हमर जंगल हमर आजीविका को विस्तार दिया जाएगा वहां यह बात विशेष रूप से ध्यान देनी है। श्रीमती तूलिका ने यहां पूरे क्षेत्र का भ्रमण कर छोटे छोटे कंटूर टेंऊच बोल्डर चेक अर्दन चेक जैसी संरचनाओं के प्रस्तावित सही स्पाट का जायजा लिया और संतुष्ट होकर तकनीकी समन्वयक मनरेगा श्री नूतन साहू और अनुविभागीय अधिकारी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा को संरचनाओं के तकनीकी प्रस्ताव बनाकर दो दिवस में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए ताकि आगामी सप्ताह में सारे काम प्रांरभ कराए जा सकें। उक्त भ्रमण के बाद सीइओ जिला पंचायत ने पेड़ के नीच चैपाल लगाकर वनवासियों से बातचीत की और हमर जंगल हमर आजीविका के चल रहे कार्यों और उनके भविष्य की योजनाओं पर भी बातचीत की।
यहां उनके साथ सारे अधिकारियों ने नीचे बैठकर सीधा व सहज जनसंवाद किया। इस दौरान मत्स्य पालन विभाग के सहायक संचालक श्री एस के चैरसिया, जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता श्री वीके साहू, कृषि विभाग के सहायक संचालक श्री रामटेक, बैकुण्ठपुर जनपद पंचायत के सीइओ श्री अपूर्व, जल संसाधन विभाग के एसडीओ श्री एस के द्विवेदी, श्री एम एल सोनी, मछली विभाग के श्री द्विवेदी, तकनीकी सहायक व अन्य विभागीय अधिकारी व उत्साहित सभी वनाधिकार पट्टाधारी ग्रामीण भी उपस्थित रहे।
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