29 मई का इतिहास: दुनिया ने की थी एवरेस्ट फतह, तो दारासिंह ने चटा दी थी दुनिया के खाटी पहलवानों को धूल
नईदिल्ली, भारत और दुनिया में 29 मई का इतिहास कई वजह से खास है. 29 मई 1953 के दिन 2 लोगों ने ऐसा कारनामा कर दिया था, जो इससे पहले एक सपना ही बना हुआ था. एडमंड हिलेरी और तेनजिंग नॉर्गे ने इस दिन एवरेस्ट की बर्फ से ढंकी ऊंची और दुर्गम चोटी पर फतह हासिल की थी. ऐसा करने वाले वे पहले मनुष्य थे. उनकी इस सफलता के लिए ब्रिटेन की महारानी की ओर से उन्हें नाइट की उपाधि दी गई थी.
1953 का एवरेस्ट अभियान(29 मई का इतिहास)
साल 1953 में सर सर जॉन हंट के नेतृत्व में दुनिया के 20 दूसरे सबसे बेहतरीन पर्वतारोही एवरेस्ट पर चढ़ाई के लिए निकले थे. जिनमें एडमंड हिलेरी भी शामिल थे. चढ़ाई इतनी आसान नहीं थी इससे पहले 63 देशों के 1200 पर्वतारोहियों ने एवरेस्ट पर चढ़ने की कोशिश की थी. लेकिन सभी नाकाम रहे थे.
दो बार असफल रहे थे एडमंड हिलेरी (29 मई का इतिहास)
एडमिन ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि वह खुद भी पहले दो बार एवरेस्ट पर चढ़ाई करने में कामयाब नहीं हो सके थे । उन्होंने कहा कि – तब हिमालय की तरफ देख कर कहा था कि “मैं फिर आऊंगा तो उस वक्त भी तुम इतने ही ऊंचे रहोगे, पर मेरा हौसला पहले से कुछ ज्यादा ऊंचा होगा“.
29 मई को दारा सिंह ने पहलवानी में जीता था विश्व चैंपियनशिप (29 मई का इतिहास)
इतिहास में 29 मई का दिन भारत के लिए भी बेहद खास है. इस दिन पेशेवर कुश्ती में साल 1968 में आज ही के दिन रुस्तम-ए-हिंद, दिवंगत दारा सिंह ने कुश्ती की विश्व चैंपियनशिप में जीत हासिल की थी. उन्होने अमेरिका के जाने-माने पेशेवर पहलवान लू थेज को हरा कर यह खिताब जीता था.
(29 मई का इतिहास)
- 658 : सामुगढ़ की लड़ाई में औरंगजेब ने दारा शिकोह को शिकस्त दी और दिल्ली के तख्त पर कब्जा किया
- 1922 : एक्वाडोर को आजादी मिली
- 1947 : इंडियन स्टैंडर्ड इंस्टीट्यूट की स्थापना
- 1953 : न्यूजीलैंड के पर्वतारोही शेरपा तेनजिंग और एडमंड हिलेरी ने इतिहास में पहली बार माउंट एवरेस्ट के शिखर पर पहुंचने में काबयाबी हासिल की
- 1968 : दारा सिंह ने पहलवानी में विश्व चैंपियनशिप पर कब्जा किया
- 1970: सोवियत संघ ने भूमिगत परमाणु परीक्षण किया
- 1972: मशहूर रंगकर्मी और भारतीय सिनेमा के प्रमुख हस्ताक्षर पृथ्वी राजकपूर का निधन
- 1985: यूरोपीय फुटबॉल कप के दौरान दो टीमों के प्रशंसकों के बीच हुई झड़प में 39 लोगों की मौत हो गई
- 1987: भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का निधन
- 1988 : पाकिस्तान के राष्ट्रपति जिया उल हक ने सरकार को बर्खास्त कर संसद को भंग किया
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