नईदिल्ली : 3 तलाक और एससी-एसटी ऐक्ट पर एक साथ आएंगे दो अध्यादेश!
नई दिल्ली : केंद्र में 4 साल पूरे होने के मौके पर मोदी सरकार तीन तलाक और एससी-एसटी ऐक्ट पर एक साथ दो ऑर्डिनेंस ला सकती है। सूत्रों के अनुसार, कर्नाटक चुनाव के तुरंत बाद दोनों ऑर्डिनेंस पास करने की तैयारी है। इसके लिए संबंधित मंत्रालयों से तैयार रहने को कहा गया है।तीन तलाक से जुड़ा बिल विपक्ष से टकराव के कारण संसद में लटका है। इस ऑर्डिनेंस से केंद्र सरकार मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक पर पुलिस केस करने में मजबूत अधिकार देने का दावा कर रही है।
तीन तलाक से जुड़ा बिल विपक्ष से टकराव के कारण संसद में लटका है
दूसरे ऑर्डिनेंस से सरकार एससी-एसटी ऐक्ट को पुराने स्वरूप में ही लाने का फैसला ले सकती है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा मौजूदा कानून में बदलाव करने के बाद देश भर में दलित आंदोलन हुआ था। विपक्ष ने तो सरकार को घेरा ही था, भाजपा के ही कई दलित सांसद सरकार के खिलाफ मुखर हो गए थे। अब ऑर्डिनेंस लाकर सरकार विपक्ष के हमले का जवाब तो देगी ही, 2019 के आम चुनाव के पहले दलितों के बीच अपनी पकड़ और मजबूत भी करना चाहती है।
ऑर्डिनेंस बनेंगे बड़ी सफलता
सूत्रों के अनुसार, मोदी सरकार चार साल पूरे होने पर 2019 को ध्यान में रखते हुए 15 दिनों का बड़ा अभियान चलाने की तैयारी में है। इसमें खुद मोदी रैलियों को संबोधित करेंगे। खुद पीएम चाहते हैं कि 26 मई से पहले दोनों ऑर्डिनेंस पास हो ताकि वे संबोधन में इसे अपनी बड़ी सफलता के रूप में पेश कर सकें। इस दौरान कुछ बड़े प्रॉजेक्ट देश को समर्पित करने की भी तैयारी है।
‘ट्रिपल तलाक अध्यादेश अत्याचारी कानून’
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के सीनियर नेता गुलाम नबी आजाद ने ट्रिपल तलाक अध्यादेश पर कहा है कि हम इसे पूरी तरह नामंजूर करते हैं क्योंकि यह एक अत्याचारी कानून है। यह अध्यादेश सिर्फ पति और पत्नी को अलग करता है, इसके अलावा कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा है कि ट्रिपल तलाक अध्यादेश लोकसभा में पहले ही पास हो गया है और राज्यसभा ने इसे खारिज कर दिया है।