घने जंगलों के बीच पहली बार पहुंची बड़ी स्वास्थ्य सुविधा, तीन दिवसीय शिविर में मिला इलाज और आयुष्मान का नया भरोसा

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की मंशा के अनुरूप जिले के सबसे कठिन और दुर्गम इलाकों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुँचाने का लक्ष्य “नियद नेल्लानार योजना” के जरिए जमीन पर उतारा जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश पर सुकमा जिले के कोंटा ब्लॉक के चिंतलनार और बुरकापाल जैसे पहुंचविहीन क्षेत्रों में तीन दिवसीय विशाल स्वास्थ्य शिविर आयोजित किया गया। घने जंगलों के बीच पेड़ों की छांव में सजे इस शिविर ने उन लोगों तक चिकित्सा सुविधाएँ पहुंचाईं, जो अब तक इससे वंचित रहे थे। ग्रामीणों के लिए यह शिविर दोहरी सौगात साबित हुआ—तुरंत इलाज और दवाइयों की मुफ्त सुविधा।
दूरस्थ अंचलों में पहुंची स्वास्थ्य सेवाएं
कलेक्टर देवेश कुमार ध्रुव की अगुवाई में विकासखंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. दीपेश चंद्राकर और उनकी टीम ने तीन दिनों तक लगातार ग्रामीणों की जांच, उपचार और निःशुल्क दवा वितरण का जिम्मा संभाला। कठिन परिस्थितियों और जंगलों के बीच भी स्वास्थ्यकर्मी पूरी प्रतिबद्धता के साथ सेवा देते नजर आए। वहां बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने पहुंचकर अपने स्वास्थ्य की जांच कराई।
स्वास्थ्य के साथ मिला “आयुष्मान” का सहारा
शिविर का एक बड़ा लाभ यह रहा कि मौके पर ही 162 ग्रामीणों के नए आयुष्मान कार्ड बनाए गए, साथ ही कई लोगों को कार्ड वितरित भी किए गए। ये कार्ड भविष्य में गंभीर बीमारियों के लिए निःशुल्क उपचार की सुविधा सुनिश्चित करेंगे। ग्रामीणों ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे शिविर उन्हें स्वास्थ्य सेवाओं के साथ-साथ सरकारी योजनाओं का लाभ लेने का मूल्यवान अवसर देते हैं।



