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कृषि मंत्री ने दो दिवसीय किसान मेले एवं कृषि प्रदर्शनी का किया शुभारंभ

रायपुर। कृषि एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी मंत्री रामविचार नेताम ने कहा है कि छतीसगढ़ सरकार राज्य में कृषि के विकास तथा किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की किसान हितैषी सोच के अनुरूप राज्य सरकार द्वारा किसानों की बेहतरी के लिए अनेक योजनायें संचालित की जा रही हैं और आगामी समय में सरकार द्वारा किसानों के हित में और कई नवीन योजनायें शुरू की जाएँगी। कृषि मंत्री ने प्रदेश के किसानों से खेती से अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए नवीन अनुसंधानों एवं नवाचारों को अपनाने का आह्वान किया। श्री नेताम आज यहाँ राजमोहिनी देवी कृषि महाविद्यालय एवं अनुसन्धान केंद्र अंबिकापुर में राज्य शासन के कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग एवं छत्तीसगढ़ बायोटेक प्रमोशन सोसायटी, रायपुर के संयुक्त तत्वावधान में तथा इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के तकनीकी सहयोग से आयोजित दो दिवसीय किसान मेला, नवाचार मेला तथा कृषि प्रदर्शनी ‘‘अंकुरण’’ का शुभारम्भ कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। समारोह में अंबिकापुर विधायक राजेश अग्रवाल, लुन्ड्रा विधायक प्रबोध मिंज तथा प्रतापपुर विधायक शंकुतला पोर्ते विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थे। समारोह की अध्यक्षता इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डा गिरीश चंदेल ने की। इस अवसर पर सरगुजा क्षेत्र के प्रगतिशील एवं नवाचारी किसानों को सम्मानित भी किया गया।

 किसान संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मंत्री नेताम ने कहा कि सरगुजा की मिट्टी पानी और जलवायु सभी फसलों की खेती के लिए उपयुक्त है। आज यहाँ लुन्ड्रा प्रतापपुर क्षेत्र सब्जियों की खेती के लिए विख्यात हो चुके है और यहाँ उत्पादित सब्जियां उत्तर प्रदेश एवं बिहार तक जा रही है। इसके साथ ही सरगुजा अंचल में फलों मक्का गन्ना एवं मिलेट्स की खेती की व्यापक सम्भावनाए है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा इन सभी की खेती को बढावा देने के लिए हर संभव प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने किसानों को अपनी फसलों की बेहतर मार्केटिंग के लिए कृषक उत्पादन संगठन बनाकर कार्य करने का आह्वान किया। श्री नेताम ने किसानों से जैविक खेती करने तथा नदी तालाबों व संरक्षण के लिए प्रयास करने का अनुरोध कियाप् श्री नेताम ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा किसानों से प्रति क्विन्टल 3100 रूपए की दर से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीदी की गई है। राज्य सरकार द्वारा किसानों से कोदो, कुटकी, रागी आदि मिलेट्स की समर्थन मूल्य की खरीदी की जा रही है। श्री नेताम ने में कृषि के विकास इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय  द्वारा किये जा रहे नवीन अनुसंधानों, तकनीकों तथा नवाचारों की प्रशंसा की। उन्होंने कृषि विश्वविद्यालय द्वारा धान की परम्परागत सुगन्धित एवं औषधीय किस्मों के संरक्षण के लिए किये जा रहे प्रयासों की भी सराहना की। समारोह को अंबिकापुर विधायक राजेश अग्रवाल, लुन्ड्रा विधायक प्रबोध मिंज तथा प्रतापपुर विधायक शंकुतला पोर्ते ने भी संबोधित किया।

    समारोह की अध्यक्षता करते हुए कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय  द्वारा कृषि के क्षेत्र में किये जा रहे नवीन अनुसंधानों, नवीन प्रोद्योगिकी  विकास  तथा नवाचारो के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया की विश्वविद्यालय द्वारा किसानों को उनके उत्पादों की सही कीमत दिलाने के लिए कृषक उत्पादक संगठनो को सहयोग दिया जा रहा है। उन्होंने कहा की कृषि विश्वविद्यालय नाबार्ड के सहयोग से सरगुजा क्षेत्र में कृषि आर्थिक क्षेत्र स्थापित करने कि योजना है। डा गिरीश चंदेल ने बताया कि सरगुजा संभाग के विभिन्न कृषि विज्ञान केंद्र माध्यम से किसानों को नवीन कृषि अनुसंधानों एवं तकनीको की जानकारी प्रदान करते हुए उन्हें लाभदायक फसलों की खेती एवं मार्केटिंग के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

    किसान मेले में कृषि महाविद्यालय रायपुर के अंतर्गत संचालित विभिन्न कृषि महाविद्यालयों, कृषि विज्ञान केन्द्रों तथा अन्य इकाईयां द्वारा किसानों के लिए किये जा रहे नवीन अनुसंधान, प्रौद्योगिकी तथा नवाचारों का प्रदर्शन किया जाएगा। इनके अलावा राज्य शासन के कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मत्स्य पालन एवं कृषि अभियांत्रिकी विभागों द्वारा संचालित किसान कल्याणकारी योजनाओं एवं गतिविधियों को भी प्रदर्शित किया गया है। इसके साथ ही यहां नाबार्ड द्वारा प्रायोजित कृषि उत्पादक समूहों तथा महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा उत्पादित सामग्रियों एवं तकनीकों का प्रदर्शन भी किया गया है। छत्तीसगढ़ जैव प्रौद्योगिकी प्रौन्नत सोसायटी द्वारा किसानों को वर्मिकम्पोस्ट तथा भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाने में उपयोगी एजोस्पाइरीलम, पी.एस.बी. राइजोबियम एवं जेड.एस.बी. तरल जैव उर्वरकों को निःशुल्क वितरण भी किया जा रहा है।

     शुभारंभ समारोह के दौरान अतिथियों द्वारा एक कृषि उत्पाद विक्रय केन्द्र का लोकार्पण भी किया गया, जहां इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के विभिन्न महाविद्यालयों एवं कृषि विज्ञान केन्द्रों द्वारा उत्पादित विभिन्न् किसानोपयोगी उत्पाद विक्रय हेतु उपलब्ध रहेंगे जिनमें विभिन्न फसलों के बीज, पौध सामग्री, कृषि यंत्र, बायो फर्टिलाइजर, बायो इन्सेक्टिसाइड, पेस्टिसाइड एवं अन्य उत्पाद शामिल हैं। इस दो दिवसीय किसान मेले एवं कृषि प्रदर्शनी में सरगुजा संभाग के विभिन्न जिलों के लगभग 2 हजार किसानों के शामिल हुए।  मेले के दौरान आयोजित कृषक संगोष्ठी में कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों एवं विषय विशेषज्ञों किसानों को कृषि एवं संबंधित विषयों पर किये जा रहे नवीन अनुसंधानों, प्रौद्योगिकी तथा नवाचारों के बारे में जानकारी दी जा रही है। इसके साथ ही मेले में आने वाले कृषकों को प्रक्षेत्र भ्रमण करवाकर उन्नत फसल उत्पादन तकनीक से अवगत कराया जा रहा है। किसान मेले के शुभारम्भ समारोह में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलसचिव श्री जी. के. निर्माम, संचालक अनुसंधान डॉ विवेक त्रिपाठी, संचालक बीज एवं प्रक्षेत्र डॉ. एस. एस. टुटेजा, निदेशक विस्तार डॉ. अजय वर्मा, कृषि महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. एस. के. सिन्हा सहित कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ पदाधिकारी के साथ-साथ कृषि विज्ञान केन्द्रों के प्रमुख, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक के साथ प्रगतिशील कृषक एवं नवाचारी उद्यमी उपस्थित थे ।

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