अजीत जोगी का वक्त और हालात बदले पर ये ढाल हमेशा उन्हें मौत के मुंह से खींच लाती है
ये दोनों ही तस्वीरें अलग-अलग वक्त की हैं, पहली तस्वीर अप्रैल 2004 की है जब अजीत जोगी एक दुर्घटना में घायल हो गए थे और मौत उनके सामने खड़ी थी, लेकिन तब भी कोई था जो ढाल बनकर अजीत जोगी और मौत के बीच आ गया, दूसरी तस्वीर भी कुछ वैसी है, लेकिन वक्त बदल चुका था, ये दूसरी तस्वीर 14 साल बाद, यानि साल 2018 की है, जब एक बार फिर मौत अजीत जोगी को निगलने के लिए बेताब है, और एक बार फिर वही ढाल अजीत जोगी और मौत के बीच में आकर खड़ी है.
ये खबर भी पढ़ें रायपुर: अजीत जोगी की हालत में धीरे-धीरे सुधार, लोगों ने सलामती की मांगी दुआ
ये ढाल रेणु जोगी हैं
हम बात कर रहे हैं, रेणु जोगी की, जो बुरे वक्त में हमेशा अजीत जोगी की ढाल बनकर सामने आ जाती हैं, और मौत भी अजीत जोगी का कुछ नहीं बिगाड़ पाती, अगर बात साल दो हजार चार की करें, उस वक्त भी अजीत जोगी का बचना किसी चमत्कार से कम नहीं था, और ऐसे वक्त में रेणु जोगी न सिर्फ उनकी ताकत बनी बल्कि इसके बाद भी वे अजीत जोगी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलती रहीं, करीब 14 साल बाद एक बार फिर अजीत जोगी मुश्किल में हैं और गंभीर रूप से बीमार हैं, लेकिन इस बार भी रेणु जोगी उनकी सबसे बड़ी ताकत बनकर सामने आई हैं और अजीत जोगी को हर वक्त मौत से मुकाबला करने की हिम्मत देती हैं.
यही समर्पण हम हिंदुस्तनियों को बनाता है खास
हमारे देश की शायद यही सबसे बड़ी खासियत है, जो हमें औरों से अलग करती है, क्योंकि हम हिंदुस्तानी हर रिश्ते को बिना किसी स्वार्थ निभाते हैं, जिसमें पति पत्नी का रिश्ता तो बेहद पवित्र माना जाता है, जिसकी एक मिसाल रेणु जोगी ने पेश की है, जबकि साल दो हजार चार में अजीत जोगी के दुर्घटना में शिकार होने के बाद, अगर किसी के सामने सबसे ज्यादा मुश्किलें आई हैं, तो वे रेणु जोगी ही हैं ।
ये वीडियो भी देखें.
https://www.youtube.com/watch?v=kBuudtLIlGM