अमेरिका, पाकिस्तान के साथ हमबिस्तर हो रहा है, लेकिन चाइना बिस्तर पर पहले से मौजूद

अमेरिका और पाकिस्तान के बीच हाल की बढ़ती नजदीकियां इन दिनों चर्चा का विषय बन गई हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का पाकिस्तान प्रेम साफ दिखाई दे रहा है। तेल समझौतों से लेकर व्हाइट हाउस में पाक आर्मी चीफ आसिम मुनीर के साथ डिनर तक, दोनों देशों के रिश्ते लगातार मजबूत होते नजर आ रहे हैं।
भारत के पूर्व राजनयिक विकास स्वरूप ने इस पूरे मामले पर टिप्पणी की और इसे अमेरिका की रणनीतिक गलती बताया। उन्होंने कहा, “अमेरिका ने पाकिस्तान के साथ हमबिस्तर होने का निर्णय लिया, लेकिन पाकिस्तान पहले से ही चीन के साथ रणनीतिक संबंध में है।” उनका मानना है कि यह नजदीकियां केवल वित्तीय और आर्थिक लाभ पर आधारित हैं और लंबे समय तक टिक नहीं पाएंगी।
भारत और अमेरिका का रणनीतिक संबंध
विकास स्वरूप ने कहा कि भारत और अमेरिका के संबंध पाकिस्तान की तुलना में अधिक रणनीतिक हैं। उन्होंने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने के ट्रंप के कदम पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि बुली के साथ मोलभाव करने पर वह अपनी मांगें बढ़ाता है, इसलिए भारत ने सही रणनीति अपनाई। उन्होंने भारत की रणनीतिक स्वायत्तता को 1950 के दशक से ही विदेश नीति की आधारशिला बताया।
ट्रंप का डीलमेकर स्टाइल
पूर्व राजनयिक ने कहा कि ट्रंप ने खुद को डीलमेकर के रूप में पेश किया है और उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय विवादों में मध्यस्थता की कोशिश की। चाहे वह थाइलैंड और कंबोडिया हों, रवांडा या कॉन्गो, या फिर आर्मेनिया और अजरबैजान, ट्रंप हर मामले में हस्तक्षेप कर रहे हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच सुलह कराना भी इसी प्रयास का हिस्सा है।
विकास स्वरूप का कहना है कि अमेरिका-पाकिस्तान बढ़ती नजदीकियां केवल अल्पकालिक लाभ पर आधारित हैं और चीन के साथ पाक के मजबूत संबंध इसे लंबी रणनीतिक साझेदारी नहीं बनने देंगे। वहीं भारत और अमेरिका का रिश्ता अधिक स्थायी और रणनीतिक है।