अमेरिका बोले- रूस से दूर रहो, लेकिन यूरेनियम यहीं से लो!

रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने अमेरिका के ‘डबल स्टैंडर्ड’ पर सीधा वार करते हुए कहा कि तमाम प्रतिबंधों और व्यापारिक तनाव के बावजूद अमेरिका चुपचाप रूस से यूरेनियम खरीदता रहा है – और रूस को इससे ज़बरदस्त मुनाफा हो रहा है।
पुतिन ने ‘वल्दाई डिस्कशन क्लब’ में मुस्कराते हुए बताया:
“अमेरिका रूस से यूरेनियम खरीदने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश है और 2025 में इससे हम करीब 1.2 अरब डॉलर कमा लेंगे।”
इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी बताया कि 2024 में रूस ने अमेरिका को यूरेनियम बेचकर 800 मिलियन डॉलर कमाए, और 2025 की पहली छमाही में ही ये आंकड़ा पार कर गया है।
तंज कसा ट्रंप की टैरिफ नीति पर:
जब ट्रंप ने भारत पर 25% से बढ़ाकर 50% टैरिफ लगाया था, तब तर्क दिया गया कि भारत रूस से तेल खरीदता है, जो यूक्रेन युद्ध को फंड कर रहा है।
पर सच्चाई ये है कि रूस से सबसे ज्यादा तेल चीन खरीद रहा है – और अमेरिका खुद भी कई सामान चुपचाप मंगा रहा है।
यूरेनियम से लेकर फर्टिलाइज़र तक – अमेरिका की ‘गुप्त खरीदारी’:
पश्चिमी देश, खासकर अमेरिका, लगातार रूस से यूरेनियम, केमिकल्स, पैलेडियम और फर्टिलाइज़र्स जैसे कई जरूरी सामान खरीदते रहे हैं।
भारत के विदेश मंत्रालय ने भी पिछले साल EU और अमेरिका के रूस के साथ व्यापार की रिपोर्ट सार्वजनिक की थी – EU ने अकेले 68 अरब डॉलर का व्यापार किया।
तो सवाल ये है:
क्या अमेरिका की नीति सिर्फ दूसरों के लिए सख्त है?
या फिर बात-बात पर टैरिफ लगाने वाले खुद मुनाफे का खेल खेल रहे हैं?