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नहीं रहे आज़ाद भारत के पहले वोटर, अब तक इतनी दफा की थी वोटिंग

No longer the first voter of independent India, till now had voted so many times

भारत का पहला चुनाव 1947 में आज़ादी के बाद 1952 में हुआ था। उस समय से ही देश की जनता बतौर मतदाता अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए जनप्रतिनिधियों को चुनते आ रही है। आज़ाद भारत के उस ज़माने के कई वोटर्स सालों पहले सुपुर्द ऐ ख़ाक हो चुके हैं। मगर स्वतंत्र भारत के एक वोटर आज भी थे जो लोगों के लिए एक मिसाल बनकर उभरे लेकिन शनिवार सुबह इस आज़ाद भारत के सबसे पहले वोटर ने अंतिम साँस ली। और इस दुनिया से रुखसत हो चले।

जी हाँ, हिमाचल प्रदेश के किन्नौर ज़िले के कल्प के रहने वाले श्याम सरन नेति स्वतंत्र भारत के सबसे पहले वोटर थे, जिन्होनें 1952 के आम चुनावों में अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। वो अब तक काफी सक्रीय थे और हिमाचल चुनाव 2022 में भी वोट डालने को लेकर काफी उत्साहित थे। उन्होंने दो द‍िन पहले ही पोस्‍टल बैलेट के जर‍िए हिमाचल व‍िधानसभा चुनाव के ल‍िए वोट डाला था। अपनी अस्वस्थता के चलते उन्होंने बुधवार 2 नवंबर को अपने घर में ही वोट डाला। हालांकि, इससे पहले वे हर बार वोट डालने के लिए पोलिंग बूथ पर जाते थे। श्याम सरन नेगी 106 साल के हो चुके थे। और काफी समय से स्वास्थ्य उनका साथ नहीं दे रहा था।

आपको बता दें कि श्याम सरन नेगी ने पहली बार 1951-52 के चुनाव में ह‍िस्‍सा ल‍िया था, जो देश का पहला चुनाव था। 106 साल के नेगी ने 34वीं बार वोट किया था। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी श्याम सरन नेगी के निधन पर शोक जताया। सीएम ने ट्वीट किया, “स्वतंत्र भारत के पहले मतदाता और किन्नौर के रहने वाले श्याम सरन नेगी जी के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ। उन्होंने अपना कर्तव्य निभाते हुए 34वीं बार बीते 2 नवंबर को ही विधानसभा चुनाव के लिए अपना पोस्टल वोट डाला, यह याद हमेशा भावुक करेगी।”

श्याम सरन नेगी की पृष्टभूमि भी काफी प्रेरणादाई रही है। उनका जन्म 1 जुलाई, 1917 को हिमाचल प्रदेश के किन्नौर कल्पा गाँव में हुआ था। उन्होनें अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद शिक्षक का पेशा अपनाया। भारत में जब 1951 में लोकसभा चुनाव हुए तब उन्होनें ही सबसे पहला वोट कास्ट किया था। उस समय उनकी उम्र 33 साल थी। 1947 में आजादी के बाद 1951-52 में भारत में पहली बार चुनाव कराए गए। आमतौर पर 1952 के चुनाव में फरवरी-मार्च में वोटिंग तय हुई थी लेकिन हिमाचल में बर्फबारी की संभावना के कारण कुछ महीने पहले ही मतदान करा लिया गया। इसी दौरान श्याम सरण नेगी ने 25 अक्टूबर 1951 को भारत के पहले मतदाता के रूप में मतदान किया। हाल ही में 2 नवंबर को उन्होने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपना आखिरी वोट भी डाक मतपत्र के जरिए डाला। इस दौरान वो चर्चाओं में भी आए थे। दरअसल उन्होने निर्वाचन अधिकारी को 12-D फॉर्म लौटा दिया था और ये कहा था कि वे खुद वोटिंग बूथ पर जाकर अपना वोट डालेंगे। लेकिन इस बीच उनकी तबियत बिगड़ गई और फिर उनसे पोस्टव वोट डलवाया गया। ये उन्होने अपने जीवन में 34वीं बार वोट डाला था।

श्याम सरन नेगी को चुनाव आयोग ने 2014 के आम चुनाव के दौरान ब्रांड एंबेसडर भी बनाया था। 12 जून, 2010 को मुख्य चुनाव आयुक्त ने उन्हें कल्पा आकर पहले मतदाता होने पर बधाई भी दी थी। श्याम सरण नेगी 16 लोकसभा और 14 विधानसभा चुनाव में मतदान कर चुके हैं। वे पंचायत चुनावों में भी वो वोट देने जाते। चुनाव आयोग ने मतदान के प्रति जागरुकता लाने के लिए उन्हें अपना ब्रांड एम्बेसेडर बनाया था। उनका कहना था कि लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए सभी तो मतदान करना चाहिए। वे पीएम मोदी के प्रशंसक थे और कुछ समय पहले उन्होने एक इंटरव्यू में नरेंद्र मोदी की काफी प्रशंसा की थी। उनका जाना एक युग का समाप्त होना है और कई मंत्री व नेता उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दे रहे हैं।

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