रायपुर : स्मार्ट सिटी में शुमार रायपुर के लिए केंद्रीय शहरी एवं विकास मंत्रालय से करोड़ों रू की राशि शहर को संवारने के लिए भेजी जा रही है। स्मार्ट सिटी में ऊपरी स्तर पर मुख्य मार्गों का सौदर्यीकरण ही जोर शोर से महापौर एवं आयुक्त की टीम करवा रही है जबकि भीतरी सच्चाई से दिल्ली से आई केंद्रीय टीम को अवगत नहीं होने दिया गया। भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ता रमाकांत रामटेके ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये केंद्रीय टीम द्वारा मुख्य मार्गों का निरीक्षण कर ओके रिपोर्ट दिल्ली भेजने पर आपत्ति व्यक्त की है। रामटेके के अनुसार शहर के भीतरी क्षेत्रों यथा टिकरपारा गुढिय़ारी पुरानीबस्ती रामनगर क्षेत्र एवं मठपारा सहित अनेक घने इलाकों में जहां सकरी गलियां हैं वहां अभी भी गंदगी का साम्राज्य छाया हुआ है। केंद्रीय टीम ने केवल वह देखा जो महापौर और स्मार्ट सिटी के कार्यपालन अधिकारी ने उन्हें दिखाया। जबकि वास्तविक स्थिति 70 वार्डों की यह कि स्वच्छता कर्मियों द्वारा कार्य में लापरवाही बरत कर जाम नालियों की प्रतिदिन सफाई नहीं होती वहीं सार्वजनिक शौचालयों की बात करें तो गोलबाजार स्थित शौचालय की स्थिति बहुत खराब है वहां से गुजरने वाले लोगों का दुर्गंध के मारे आवाजाही करना कठिन है। शहर का मुख्य बाजार शास्त्री बाजार एवं समीप स्थित मछली बाजार लोगों की आवाजाही को दुर्गंध के मारे रोज प्रभावित करता है रामटेके ने अपने बयान में कहा कि नगरीय निकाय विभाग द्वारा पर्याप्त राशि दिये जाने के बावजूद भी स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट औपचारिकता निभाकर अधिक से अधिक पैसा आबंटित कराने की फिराक में है। उन्होंने नगरीय निकाय मंत्री अमर अग्रवाल से स्मार्ट सिटी परियोजना की निष्पक्ष समीक्षा कर साफ सफाई में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग की है।
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