छत्तीसगढ़ की सभी 11 सीटों का विश्लेषण, कौन-किसपर रहेगा भारी ?
रायपुर। कांग्रेस की लिस्ट आते ही सभी 11 सीटों पर अब तस्वीर साफ हो चुकी है, कांग्रेस ने जहां एक पूर्व मुख्यमंत्री, तीन पूर्व मंत्री, दो वर्तमान विधायक, राजपरिवार से एक उम्मीदवार दिए हैं । यानी कांग्रेस भी कम से कम छत्तीसगढ़ में तो ज्यादा सीटें जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ने वाली है. आज रिपोर्ट में सभी 11 सीटों के प्रत्याशियों के बारे में हम आपको बताएंगे, साथ ही बताएंगे कि किसका पलड़ा भारी है. इसके साथ ही आप भी अपनी राय कमेंट बॉक्स के जरिए रख सकते हैं ।
- रायपुर लोकसभा सीट
यहां प्रदेश सरकार में मंत्री और बृजमोहन अग्रवाल के सामने विकास उपाध्याय की चुनौती है । विकास उपाध्याय 2018 में पहली बार विधायक बने थे, वे संसदीय सचिव भी थे, लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव में पूर्व मंत्री राजेश मूणत से हार गए । वहीं बात अगर बृजमोहन अग्रवाल की करें तो वे मंझे हुए नेता है और इस लोकसभा चुनाव में भी उनका पलड़ा भारी नजर आ रहा है । - राजनांदगांव लोकसभा सीट
पहले बात राजनांदगांव की करें तो राजनांदगांव से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल खुद मैदान में हैं । भाजपा ने जिन दो सांसदों को उम्मीदवार के तौर पर रिपीट किया है, उनमें से एक संतोष पांडे हैं । जो पिछली बार अच्छ मार्जिन से जीते थे, लेकिन इस बार यहां पूर्व सीएम के आमने से मुकाबला रोचक हो गया है, और अगर मोदी लहर काम नहीं की, तो यहां भूपेश बघेल बाजी मारते नजर आ रहे हैं । - बस्तर से कांग्रेस सरकार में आबकारी मंत्री रहे और वर्तमान में सुकमा के कोंटा से विधायक कवासी लखमा को बस्तर से उतारा है,वहीं बीजेपी के महेश कश्यप से उनका मुकाबला होने जा रहा है, कवासी लखमा को बस्तर का बड़ा नेता माना जाता है, लिहाजा इस एक बार फिर इस सीट पर कांग्रेस का पलड़ा भारी नजर आ रहा है ।
- कांकेर लोकसभा सीट से बीजेपी के भोजराज नाग के सामने कांग्रेस के बीरेश ठाकुर हैं और यहां मुकाबला फंसा हुआ नजर आता है । ऊंट किस करवट बैठेगा इसका अनुमान लगाना मुश्किल है ।
- महासमुंद लोकसभा सीट.
इस सीट से बीजेपी की रूप कुमारी चौधरी के सामने कांग्रेस के प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू हैं, अगर साहू समाज का एकतरफा समर्थन ताम्रध्वज साहू को मिलता है तो यहां कांग्रेस बाजी मार सकती है, लेकिन मोदी लहर में रूप रूप कुमारी की नैया भी पार लगने की पूरी संभावना नजर आती है ।
- दुर्ग लोकसभा सीट से बीजेपी के मौजूदा सांसद विजय बघेल के सामने कांग्रेस के प्रदेश सचिव राजेंद्र साहू, ये वही विजय बघेल हैं, जिन्हें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा चुनाव में मात दी थी, लेकिन लोकसभा चुनावों में उनका पलड़ा भारी नजर आता है ।
- सरगुजा लोकसभा सीट से बीजेपी के चिंतामणि महाराज के सामने कांग्रेस की शशि सिंह हैं, विधानसभा चुनावों के वक्त शायद इसी शर्त पर चिंतामणि महाराज की भाजपा में वापसी हुई थी, कि उन्होने लोकसभा का टिकट दिया जाएगा, चिंतामणि की गिनती सरगुजा के बड़े नेताओं में की जाती है, लिहाजा ये सीट भाजपा के खाते में जा सकती है ।
- रायगढ़ लोकसभा सीट से बीजेपी के राधेश्याम राठिया के सामने कांग्रेस की डॉ. मेनका देवी सिंह है, इस सीट पर फिलहाल कुछ कहा नहीं जा सकता कि ऊंट किस करवट बैठने जा रहा है ।
- बिलासपुर लोकसभा सीट से बीजेपी के तोखन साहू के सामने कांग्रेस के देवेंद्र सिंह यादव हैं, युवा विधायक देवेंद्र यादव के आने से बिलासपुर में कांग्रेस थोड़ी मजबूत तो दिख सकती है, लेकिन देवेंद्र कांग्रेस को ये सीट दिला पाएंगे, इसकी संभावना कम ही नजर आती है ।
- जांजगीर-चांपा लोकसभा सीट से बीजेपी के कमलेश जांगड़ के सामने कांग्रेस के डा.शिवकुमार डहरिया हैं, इस लोकसभा सीट से शिव डहरिया एक बार चुनाव हार चुके हैं, लेकिन उस हार सबक लेकर इस बार डहरिया को कमी नहीं रखना चाहेंगे, लेकिन मुकाबला यहां कड़ा होने जा रहा है ।
- कोरबा लोकसभा सीट से बीजेपी की पूर्व राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय के सामने कांग्रेस की मौजूदा सांसद ज्योत्सना महंत हैं, सरोज पांडेय के लिए ये मुकाबला आसान नहीं होगा, वैसे भी वे अपने पिछले चुनाव लगातार हार रही हैं, और इस बार भी यहां बाहरी का मुद्दा हावी रहा तो उनका चुनाव जीतना मुश्किल ही नजर आता है ।
वैसे छत्तीसगढ़ में कहा जाए तो साल 2019 की तरह ही नतीजे रहने वाले हैं, इसमें बहुत ज्यादा फेरबदल की उम्मीद कम ही नजर आ रही है ।