
छत्तीसगढ़ । छत्तीसगढ़ में विधानसभा में बजट के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कर्मचारियों के हित में बड़ी घोषणाएं की हैं। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के करीब पांच लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में चार फीसदी की बढ़ोतरी की है। वहीं सातवें वेतनमान के मुताबिक गृह भाड़ा भत्ता देने का भी एलान किया है। इसके अलावा प्रदेश के 37000 संविदाकर्मियों के वेतन में 27 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। साथ ही स्कूल शिक्षा विभाग में कार्यरत अतिथि शिक्षकों को प्रति माह दो हज़ार रुपए अतिरिक्त मानदेय, पटवारियों को प्रतिमाह 500 रुपये संसाधन भत्ता भी दिया जाएगा।
सभी शासकीय सेवकों को छठवें वेतनमान के स्थान पर सातवें वेतनमान पर बी श्रेणी शहर के लिए नौ प्रतिशत और सी व अन्य शहरों के लिए छह प्रतिशत गृह भाड़ा भत्ता दिया जाएगा। इससे 265 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा। सभी पुलिस आरक्षकों को 8000 रुपए किट वार्षिक भत्ता दिया जाएगा। इसका 40 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा।इसके साथ ही मितानिन ट्रेनर, ब्लाक कोआर्डिनेटर एवं हेल्प डेस्क आपरेटर को प्रतिदिन दैनिक प्रोत्साहन भत्ता 100 रुपए दिया जाएगा। इससे 11 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा।
मुख्यमंत्री के शासकीय सेवकों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी के बाद अब तक मूल वेतन पर 42 प्रतिशत वृद्धि हो चुकी है। इस पर चार प्रतिशत वृद्धि होने से राज्या सरकार पर 800 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय पड़ेगा। 37000 संविदाकर्मियों के एकमुश्त संविदा वेतन में 27 प्रतिशत वृद्धि की गई है। इससे 350 करोड़ रुपये का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा।दैनिक वेतन भोगियों के वेतन में 4000 रुपए की मासिक वृद्धि की गई है। इससे 240 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा। 1650 अतिथि शिक्षकों के मानदेय में 2 हजार रुपए मासिक की बढ़ोत्तरी की गई है। इससे 4 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा। 6000 पटवारियों को 500 रुपए मासिक संसाधन भत्ता मिलेगा।
इससे 4 करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय राज्य सरकार को पड़ेगा। स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण घोषणा की गई है। मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना अंतर्गत अधिकतम सहायता राशि की सीमा 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दी गई है। सामाजिक आर्थिक सर्वेक्षण 2011 की सर्वे सूची के आधार पर प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास की पात्रता निर्धारित होने से जरूरतमंद परिवारों को आवास स्वीकृत करने में कठिनाई हो रही थी। इसे दूर करने राज्य के संसाधनों से ग्रामीण आवास न्याय योजना आरंभ की जाएगी। इसके लिए बजट में 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस प्रकार 2000 करोड़ रुपए की महत्वपूर्ण घोषणाएं मुख्यमंत्री ने अनुपूरक बजट के दौरान की गयी हैं।