नक्सली हिंसा की चपेट में आया एक और जांबाज़: शहीद हुए ASP आकाश राव गिरीपुंजे, पूरा बस्तर गमगीन

रायपुर। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले की माटी ने एक और वीर सपूत को खो दिया। कोंटा क्षेत्र के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आकाश राव गिरीपुंजे 9 जून को नक्सलियों द्वारा बिछाए गए प्रेशर बम की चपेट में आकर शहीद हो गए। उनके साथ चल रहे अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं।
यह वही बस्तर है, जहां हर दिन पुलिस और नक्सलियों के बीच एक अदृश्य युद्ध चलता है। और उसी मोर्चे पर डटे थे आकाश राव गिरीपुंजे एक अधिकारी, एक जिम्मेदार नागरिक और एक साहसी जवान।
जिम्मेदारी निभाते हुए दी शहादत
10 जून को नक्सलियों द्वारा बुलाए गए बस्तर बंद को लेकर प्रशासन सतर्क था। एएसपी गिरीपुंजे अपनी टीम के साथ कोंटा-एर्राबोरा मार्ग पर पैदल गश्त कर रहे थे, ताकि क्षेत्र में शांति बनी रहे। लेकिन डोंड्रा गांव के पास छुपाए गए एक प्रेशर बम ने उनकी राह रोक ली। विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि वह गंभीर रूप से घायल हो गए। अस्पताल पहुंचाए जाने के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।
एक अफसर, जो दिलों में बस गया
आकाश राव गिरीपुंजे रायपुर के रहने वाले थे। 2013 बैच के राज्य पुलिस सेवा अधिकारी थे। शांत और सौम्य स्वभाव के इस अफसर को 2019-20 में पुलिस मेडल से सम्मानित किया गया था। रायपुर के सीएसपी, महासमुंद और दुर्ग के एएसपी के रूप में भी उन्होंने उल्लेखनीय सेवा दी थी। सुकमा में तैनाती के दौरान वे हर चुनौती का डटकर सामना कर रहे थे।
वर्दी वालों की आंखें नम, दिल गर्व से भरा
शहादत की खबर मिलते ही उनके साथियों की आंखें छलक पड़ीं। जिस टीम के साथ वे हर दिन कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहते थे, आज वही टीम फूट-फूट कर रोई। रायपुर लाए गए उनके पार्थिव शरीर को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया, लेकिन इस सम्मान के साथ पूरा छत्तीसगढ़ एक दर्द भी महसूस कर रहा है।
नमन उस योद्धा को
आकाश राव गिरीपुंजे सिर्फ एक पुलिस अफसर नहीं थे, वे एक बेटे, एक दोस्त, एक प्रेरणा थे। उनका जाना सिर्फ विभाग की नहीं, बल्कि पूरे समाज की क्षति है।
बस्तर की लाल मिट्टी ने आज फिर एक लाल को खो दिया। मगर उनके बलिदान की गूंज, इस धरती पर लंबे समय तक गूंजती रहेगी। फोर्थ आई न्यूज इस शहिद जवान को नमन करता है,और भगवान अपने श्रीचरणों में स्थान दे,जय हिंद।