छत्तीसगढ़

मतदान के लिए ईपीक कार्ड के अलावा मतदाता 12 प्रकार के अन्य दस्तावेज कर सकेंगे प्रस्तुत

रायपुर। खैरागढ़ विधानसभा उपनिर्वाचन के लिए 12 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। मतदान के लिए मतदाता को पहचान पत्र प्रस्तुत करना होता है। मतदान के समय मतदाताओं की पहचान पत्र सुनिश्चित करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग की ओर से निर्वाचक फोटो पहचान पत्र तैयार किया गया है। निर्वाचक पहचान पत्र के माध्यम से लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 61 के तहत वास्तविक मतदाताओं के मत देने के अधिकार को और प्रभावी बनाया गया है। उल्लेखनीय है कि भारत निर्वाचन आयोग ने समयबद्ध कार्यक्रम के अनुसार सभी निर्वाचकों को निर्वाचक फोटो पहचान पत्र ‘ईपीक-कार्ड’ जारी करने करने के लिए 28 अगस्त 1993 को आदेश जारी किया है। छत्तीसगढ़ विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के लिए निर्वाचाकों को शत-प्रतिशत निर्वाचक फोटो पहचान पत्र जारी किए जा चुके हैं।
छत्तीसगढ के 73-खैरागढ़ विधान सभा निर्वाचन क्षेत्र के चालू उप निर्वाचन के लिए सभी निर्वाचक जिन्हें निर्वाचक फोटो पहचान पत्र जारी किए गए है, मतदान स्थल पर अपना मत डालने से पहले अपनी पहचान सुनिश्चित करने के लिए ईपीक कार्ड दिखाना होगा। ऐसे निर्वाचक जो अपना निर्वाचक फोटो पहचान पत्र प्रस्तुत नहीं कर पाते हैं, उन्हे अपनी पहचान स्थापित करने के लिए आधार कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, बैंकों-डाकघरों की ओर से जारी किए गए फोटोयुक्त पासबुक, पासपोर्ट, पेन कार्ड, राज्य-केन्द्र सरकार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम या स्थानीय निकाय द्वारा उनके अधिकारी एवं कर्मचारियों को जारी किया गया फोटोयुक्त सेवा पहचान-पत्र, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज, श्रम मंत्रालय की योजना के अंतर्गत जारी स्वास्थ्य स्मार्ट कार्ड, ड्रायविंग लायसेंस और फोटोयुक्त विकलांगता प्रमाण-पत्र, में से कोई एक प्रस्तुत कर पहचान स्थापित करना होगा।ये विकल्प उन मतदाताओं के लिए हैं। जिनके पास वोटर कार्ड नहीं है लेकिन उनका नाम मतदाता सूची में शामिल हैं। किसी कारण से ऐसे मतदाता का वोटर कार्ड नहीं बना या फिर खो गया है तो वह इन विकल्पों से अपने मत का प्रयोग कर सकते हैं।

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