बस्तर में विकास की रफ्तार तेज, अंदरूनी इलाकों तक योजनाओं की पहुँच ने बदली तस्वीर

बस्तर में नक्सलवाद अब तेजी से पीछे हट रहा है। ‘नियद नेल्लानार योजना’ की मदद से दूरस्थ ग्रामों तक शासन की मूलभूत सुविधाएँ तेजी से पहुँच रही हैं। लक्ष्य है—प्रदेश की तरह बस्तर को भी नई ऊँचाइयों तक ले जाना। प्रदेश सरकार ने दो साल के कम समय में ज़्यादातर गारंटियाँ पूरी कर दी हैं और छत्तीसगढ़ को समृद्ध बनाने की दिशा में लगातार काम जारी है।
कोण्डागाँव में गाड़ा समाज के बूढ़ादेव महोत्सव में मुख्यमंत्री ने यह बातें साझा कीं।
इस अवसर पर 127 करोड़ रुपए की लागत से 61 विकास कार्यों का भूमिपूजन और लोकार्पण हुआ। कोनगुड़–धनोरा मार्ग के लिए 90 लाख, केशकाल–विश्रामपुरी मार्ग के लिए 39 करोड़, और कुधूर में 100 सीटर जनजातीय बालिका छात्रावास के लिए 2.71 करोड़ रुपए की घोषणा की गई। साथ ही बहुउद्देशीय केंद्र, दिव्यांग सेंटर और कोचिंग सेंटर के संचालन हेतु 1.5 करोड़ रुपए की स्वीकृति भी दी गई।
कार्यक्रम में ‘Journey of Dignity’ कॉफी टेबल बुक, बाल्यावस्था देखभाल पुस्तिका, हाई–रिस्क प्रेग्नेंसी हेल्पलाइन, हेलमेट बैंक और सुपोषित विकास चार्ट का विमोचन भी किया गया।
राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने पर पूरे प्रदेश में रजत महोत्सव मनाया जा रहा है। प्राकृतिक संसाधनों और उर्वर मिट्टी से भरपूर इस प्रदेश में 18 लाख आवास स्वीकृत किए गए हैं। 15 नवंबर से किसानों से धान खरीदी शुरू हो चुकी है। महतारी वंदन योजना, तेंदूपत्ता संग्राहक कल्याण योजनाएँ और चरण पादुका योजना जैसे प्रयास निरंतर ज़रूरतमंदों को लाभ पहुँचा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अच्छा किसान, व्यवसायी या जनसेवक बनने की पहली शर्त—उत्तम शिक्षा। इसलिए बच्चों की पढ़ाई पर विशेष ध्यान देने की अपील की।
विधायक लता उसेंडी ने भी सरकारी उपलब्धियों और योजनाओं पर प्रकाश डाला।
मुख्यमंत्री के आगमन पर पारंपरिक मोहरी वादन से स्वागत किया गया। उन्होंने बूढ़ादेव की पूजा कर प्रदेश की खुशहाली की कामना भी की।
कार्यक्रम में वन मंत्री केदार कश्यप, स्कूल शिक्षा मंत्री गजेन्द्र यादव, सांसद महेश कश्यप, सांसद भोजराज नाग, विधायक नीलकंठ टेकाम, कांकेर विधायक आशाराम नेताम, मछुआ कल्याण बोर्ड अध्यक्ष भरत मटियारा, जिला पंचायत अध्यक्ष रीता शोरी सहित अनेक जनप्रतिनिधि और समाज के पदाधिकारी मौजूद रहे।




