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बस्तर के समाजसेवी सुशील कुमार पाण्डेय को डॉक्टरेट की उपाधि और IFIA अवार्ड से नवाजा गया

नई दिल्ली | 6 जुलाई 2025: समाज सेवा और जनकल्याण के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले सुशील कुमार पाण्डेय को शनिवार को राजधानी दिल्ली स्थित होटल ग्रैंड में आयोजित ग्लोबल एक्सीलेंस समिट में डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया। साथ ही उन्हें IFIA अवार्ड और अमेरिकन मैनेजमेंट यूनिवर्सिटी के एम्बेसडर की उपाधि भी प्रदान की गई।

कोयलीबेडा से लेकर बस्तर तक सेवा का संकल्प

कांकेर जिले के ग्राम कोयलीबेडा में जन्मे सुशील कुमार पाण्डेय ने महज 15 वर्ष की उम्र से ही बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा देना शुरू कर दिया था। शिक्षक पिता श्री जी.एस. पाण्डेय और माता स्वर्गीय गायत्री देवी पाण्डेय के संस्कारों से पोषित सुशील ने मैथमैटिक्स में मास्टर्स करने के बाद सिविल सेवा की तैयारी की। परंतु समाज सेवा का संकल्प उन्हें एक नई दिशा में ले गया।

महिला सशक्तिकरण और बस्तर में आजीविका क्रांति

महज 21 वर्ष की उम्र में सुशील ने दंतेवाड़ा जिले के कटेकल्याण में 250 से अधिक महिला स्व-सहायता समूह बनाकर महिलाओं को स्वावलंबी बनाया। 30 मई 2003 को उन्होंने ‘बस्तर सामाजिक जन विकास समिति’ की स्थापना की, जिसका मुख्यालय वर्तमान में तेतरकुटी, अघनपुर में स्थित है। आज यह संस्था 150 से अधिक कर्मचारियों के साथ कार्यरत है और 95,000 से अधिक परिवारों को आजीविका के संसाधनों से जोड़ चुकी है।

स्वास्थ्य, शिक्षा और मानवता के मोर्चे पर सेवा

सुशील पाण्डेय द्वारा एचआईवी, टीबी, मलेरिया, और गैर-संचारी रोगों की रोकथाम व उपचार के लिए उल्लेखनीय कार्य किए जा रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने 5000 से अधिक बच्चों को शिक्षा, संरक्षण, और दत्तक ग्रहण जैसी योजनाओं से जोड़ा है।

राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान

ग्लोबल एक्सीलेंस समिट में सुशील को उनकी सामाजिक प्रतिबद्धता, मानव सेवा और जनहित के कार्यों के लिए डॉक्टरेट की उपाधि दी गई। उन्हें आई.एफ.ई.ए. अवार्ड (IFIA Award) से भी सम्मानित किया गया और अमेरिकन मैनेजमेंट यूनिवर्सिटी द्वारा ब्रांड एम्बेसडर घोषित किया गया।

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