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सावन के महीने में किसानों को बड़ी सौगात – पीएम मोदी ने 9.7 करोड़ किसानों को भेजे 20500 करोड़ रुपये

रायपुर। पवित्र सावन मास के शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी से देशभर के 9.7 करोड़ से अधिक किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि की 20वीं किस्त के रूप में 20500 करोड़ रुपये की राशि सीधे उनके खातों में ट्रांसफर की। इस डिजिटल हस्तांतरण के साथ ही एक बार फिर सरकार ने किसानों की आय और आत्मनिर्भरता को मजबूती दी है।

इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय भी वर्चुअली शामिल हुए। राजधानी रायपुर में उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के सभागार से जुड़ते हुए उन्होंने प्रदेश के किसानों से संवाद किया और सावन की शुभकामनाएं दीं।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में बताया कि 2019 से अब तक इस योजना के तहत किसानों के खातों में 3.75 लाख करोड़ रुपये ट्रांसफर किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि सरकार लगातार किसानों की भलाई के लिए प्रयासरत है — चाहे वह सिंचाई परियोजनाएं हों, फसल बीमा योजना हो या महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की पहल हो। मोदी ने यह भी साझा किया कि “प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना” के तहत पिछड़े जिलों की कृषि सुधार के लिए 24 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

उन्होंने महिलाओं की भूमिका पर जोर देते हुए बताया कि अब तक 1.5 करोड़ महिलाएं ‘लखपति दीदी’ बन चुकी हैं, और तीन करोड़ के लक्ष्य की ओर सरकार तेज़ी से बढ़ रही है।

मुख्यमंत्री साय ने प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के करीब 25 लाख किसानों को इस बार 553 करोड़ रुपये की राशि मिली है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने किसानों से जो वादे किए थे, उन्हें निभाया है — जैसे कि धान का समर्थन मूल्य 3100 रुपये प्रति क्विंटल तय करना और दो साल की बकाया बोनस राशि का समय पर भुगतान।

उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश में सिंचाई नेटवर्क को बढ़ाने के लिए कई योजनाएं चालू हैं — जैसे महानदी और इंद्रावती नदी को जोड़ने की योजना और बोधघाट परियोजना। नक्सल प्रभावित बस्तर को भी अब कृषि के क्षेत्र में नई पहचान दी जा रही है।

साय ने बताया कि प्रदेश सरकार दलहन-तिलहन फसलों को बढ़ावा देने के लिए 10 हजार रुपये की सहायता दे रही है और भूमिहीन कृषि मजदूरों को भी उतनी ही राशि दी जा रही है। साथ ही, दुधारू पशु वितरण योजना को छह जिलों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया है, जिससे पशुपालकों को सीधे लाभ मिलेगा।

मिलेट्स (श्री अन्न) जैसे पोषक अनाजों के उत्पादन और पारंपरिक फसलों जैसे कोदो, कुटकी और रागी की खेती को बढ़ावा देने के लिए भी योजनाएं लागू की जा रही हैं।

कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने कहा कि मोदी सरकार के प्रयासों से अब किसानों को बिना ब्याज के ऋण मिल रहा है और गांव-गांव में पक्की सड़कें पहुंच चुकी हैं। कृषि मंत्री रामविचार नेताम ने कहा कि प्रदेश में ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के तहत कृषि वैज्ञानिकों और अधिकारियों ने एक लाख से अधिक किसानों से सीधे संवाद कर आधुनिक तकनीकों की जानकारी दी है।

कार्यक्रम में किसानों को कृषि उपकरण और योजनाओं के तहत अनुदान के चेक भी वितरित किए गए।

इस मौके पर कई विधायक, विश्वविद्यालयों के कुलपति, सरकारी अधिकारी और हजारों किसान मौजूद रहे — एक ऐसा आयोजन जिसने किसान कल्याण की दिशा में सरकार की प्राथमिकता को और स्पष्ट कर दिया।

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