MP : ‘डेंजर जोन’ में हैं मध्य प्रदेश में बीजेपी की ये सीटें

लोकसभा चुनाव तारीखों के ऐलान के साथ ही मध्य प्रदेश में सियासी घमासान बढ़ रहा है. कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियां ज्यादा से ज्यादा सीट जीतने का दावा कर रही हैं. इस बीच विधानसभा चुनाव के गणित को देखें तो सीटों का ज्यादा नुकसान बीजेपी को होता दिखाई दे रहा है. आखिर कितनी सीटें किस पार्टी के लिए हैं डेंजर ज़ोन में? देखिए इस रिपोर्ट में.
लोकसभा चुनाव 2014 में कांग्रेस का सूपड़ा साफ करने वाली बीजेपी क्या 2019 में अपना पुराना परफॉर्मेंस दोहरा पाएगी? ये सवाल चुनाव तारीखों के ऐलान के साथ ही एमपी में पहले से ज्यादा बड़ा हो गया है. वैसे दावा तो कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पूरी 29 सीट जीतने का कर रही हैं, लेकिन क्या वाकई में ऐसा हो पाएगा? फिलहाल कहना मुश्किल है.
मोदी लहर में हुए 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 29 में से 26 पर आसानी से कब्जा कर लिया था. कांग्रेस के खाते में पहले सिर्फ 2 और बाद में तीसरी सीट गई थी. तीनों ही उसकी परंपरागत सीट थीं. लेकिन विधानसभा चुनाव में सीन एकदम चेंज हो गया. बीजेपी को अब अपना पुराना परफॉर्मेंस दोहरा पाना मुश्किल लग रहा है, ऐसा इसलिए क्योंकि…
– 2018 के विधानसभा नतीजों में बीजेपी 109 सीट पर रुक गई.
– मालवा-निमाड़ की 66 सीट में से बीजेपी को 28 सीट मिली हैं, जबकि उसे 28 का ही नुकसान हुआ.
– महाकौशल की 38 सीट में से बीजेपी को 13 सीट मिली, 11 सीट का नुकसान हुआ.
– मध्यभारत की 36 सीट में से बीजेपी के खाते में 23 सीट गयीं, यहां भी उसे 6 सीटों का नुकसान हुआ.
– ग्वालियर-चंबल की 34 सीट में से बीजेपी को केवल 7 सीट मिली हैं. यहां उसे 13 सीट का नुकसान हुआ.
– बुंदेलखंड की 26 सीट में से बीजेपी को 14 सीट मिली हैं. यहां उसे 6 सीट का नुकसान हुआ.
विधानसभा सीट के गणित के मुताबिक बीजेपी के लिए लोकसभा की एक दर्जन से ज्यादा सीटें डेंजर ज़ोन में आ गई हैं. इनमें मुरैना, भिंड, ग्वालियर, दमोह, छिंदवाड़ा, धार, खरगौन, झाबुआ-रतलाम, राजगढ़, मंडला, शहडोल की सीट शामिल हैं.
विधानसभा चुनाव के गणित के आधार पर ही अब कांग्रेस, बीजेपी को पटखनी का दम दिखा रही है. 2014 के मुकाबले 2019 के लोकसभा चुनाव बदले सियासी समीकरण में हो रहे हैं. मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार जा चुकी है जबकि कांग्रेस नए वायदों और दावों के साथ मैदान में है.