भारत यात्रा के बाद पुतिन का बड़ा बयान: तालिबान को मिली मान्यता पर पाकिस्तान को परोक्ष संदेश

दो दिवसीय भारत यात्रा पूरी कर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन स्वदेश लौट गए, लेकिन जाने से पहले उन्होंने वैश्विक राजनीति में नया समीकरण जोड़ दिया। भारत–रूस के बीच रक्षा, आर्थिक सहयोग और सुरक्षा से जुड़े कई महत्वपूर्ण समझौते हुए। दोनों देशों ने आतंकवाद से लड़ाई और साझा विरासत को मजबूत करने की प्रतिबद्धता भी दोहराई।
रवाना होने से पहले पुतिन ने पाकिस्तान को अप्रत्यक्ष रूप से संदेश देते हुए अफगानिस्तान की तालिबानी सरकार की खुलकर सराहना की। उन्होंने कहा कि तालिबान अफगानिस्तान में आतंकवाद और अफीम कारोबार पर रोक लगाने के लिए गंभीर कदम उठा रहा है, इसलिए रूस ने नई काबुल सरकार को मान्यता दी है। यह बयान ऐसे समय आया है जब पाकिस्तान लगातार अफगानिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने के आरोप लगाता रहा है और दोनों देशों के रिश्ते तनावपूर्ण हैं।
पुतिन ने यह भी कहा कि सभी देशों की अपनी चुनौतियाँ होती हैं और अफगानिस्तान इसका अपवाद नहीं है। दशकों तक चले गृहयुद्ध के बाद तालिबान ने स्थिति को काबू में लिया है और सुरक्षा मोर्चे पर कठोर कदम उठाए हैं। रूस दुनिया का पहला बड़ा देश है जिसने आधिकारिक रूप से तालिबानी सरकार को मान्यता दी है।
इसके अलावा पुतिन ने अफीम उत्पादन पर प्रतिबंध लगाने के तालिबान के फैसले को भी सराहा और कहा कि वे ड्रग्स से लड़ाई में गंभीरता से काम कर रहे हैं।
भारत में पुतिन का बड़ा कदम—RT इंडिया लॉन्च
यात्रा के दौरान पुतिन ने भारत में रूस के सरकारी टीवी नेटवर्क RT इंडिया का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था और उसकी क्षमता तेजी से बदल रही है, लेकिन दोनों देशों की मित्रता पहले की तरह मजबूत है। पुतिन ने RT को “साफ-सुथरी सूचना का स्रोत” बताते हुए कहा कि इसका उद्देश्य रूस की संस्कृति थोपना नहीं, बल्कि दुनिया को सच्ची जानकारी देना है।
कुछ देशों में RT पर लगे प्रतिबंधों को लेकर भी पुतिन बोले। उन्होंने कहा कि ये प्रतिबंध तकनीकी कारणों से नहीं, बल्कि “सच सामने आने के डर” की वजह से लगाए जाते हैं।
पुतिन ने याद किए राज कपूर
अपने संबोधन में पुतिन ने भारत–रूस सांस्कृतिक संबंधों का ज़िक्र करते हुए दिवंगत अभिनेता राज कपूर को भी याद किया। मज़ाकिया अंदाज़ में उन्होंने सोवियत काल के एक गीत का हवाला देकर कहा, “राज कपूर के जमाने से बहुत कुछ बदल गया है… पहले योगी एक साल तक उपवास करते थे, अब सब कुछ खाते-पीते हैं।”




