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एंबुलेंस वाहन का अत्‍यधिक किराया वसूलने पर 4 हजार 500 रूपये का अर्थदंड आरोपित और वाहन का पंजीयन 3 माह के लिये निलंबित

छिन्दवाड़ा –  कलेक्‍टर सौरभ कुमार सुमन द्वारा दिये गये सख्‍त निर्देशों के परिपालन में परिवहन विभाग द्वारा कोविड-19 महामारी के दौरान मरीजों से एंबुलेंस वाहन का अधिक किराया वसूलने पर संबंधित वाहन संचालक के विरूध्‍द सख्‍त कार्यवाही की जा रही है।

इसी परिप्रेक्ष्‍य में जिले के तामिया विकासखंड के ग्राम छिन्‍दी के शिकायतकर्ता अब्दुल तारिक उर्फ राजा खान द्वारा एम्बुलेंस क्रमांक-एम.पी.28 डीबी 0147 के संचालक पवन माहोरे द्वारा परासिया से नागपुर आने-जाने के लिये एम्बुलेंस का अत्यधिक किराया वसूलने की शिकायत पर संबंधित वाहन संचालक के विरूध्‍द कड़ी कार्यवाही करते हुये मोटरयान अधिनियम और अन्‍य अधिनियमों के अंतर्गत 4 हजार 500 रूपये का अर्थदंड आरोपित करते हुये वाहन का पंजीयन 3 माह की अवधि के लिये निलंबित कर दिया गया है।

साथ ही संबंधित वाहन संचालक को अधिक वसूली गई राशि 17 हजार रूपये शिकायतकर्ता को वापस करने के आदेश भी दिये गये हैं।
पंजीयन प्राधिकारी एवं क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी सुनील शुक्‍ला ने बताया कि जिले के तामिया विकासखंड के ग्राम छिन्‍दी के शिकायतकर्ता अब्दुल तारिक उर्फ राजा खान द्वारा एम्बुलेंस क्रमांक-एम.पी.28 डीबी 0147 के संचालक पवन माहोरे द्वारा परासिया से नागपुर आने-जाने के लिये एम्बुलेंस का अत्यधिक किराया 29 हजार रूपये वसूल करने और एम्बुलेंस में उपलब्ध वाईपेप सुविधा तथा ऑक्सीजन सिलेण्डर रास्ते में खत्म हो जाने की शिकायत मिलने पर उभयपक्षों से उनका पक्ष प्राप्‍त कर परीक्षण करने पर यह पाया गया कि एंबुलेंस संचालक द्वारा उपभोक्‍ता को अबाध रूप से आवश्‍यक सेवायें प्रदान नहीं की गई और निर्धारित किराये से अधिक राशि वसूल की गई।

उन्‍होंने बताया कि राज्‍य शासन के परिवहन विभाग और कलेक्‍टर सुमन द्वारा तय दर ए.एल.एस. में शहरी क्षेत्र में प्रथम दस कि.मी. के लिये 500 रूपये और इसके बाद 25 रूपये प्रति कि.मी. की दर से 450 कि.मी. का प्रथम 10 कि.मी. के लिये 500 रूपये और इसके बाद 440 कि.मी. का 25 रूपये प्रति किलोमीटर की दर से 11 हजार रूपये के मान से कुल 11 हजार 500 रूपये किराया होता है, किंतु एम्बुलेंस संचालक द्वारा तय दर से दुगुना किराया से भी अधिक वसूल कर नियमों का उल्लंघन किया गया है।

उन्‍होंने बताया कि परीक्षण में शिकायत की पुष्टि होने पर मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 53 के अंतर्गत वाहन कमांक-एमपी 28 डीबी 0147 का पंजीयन 3 माह की अवधि के लिये निलम्बित कर दिया गया है, क्‍योंकि साथ ही वाहन ऐसी हालत में है जिसमें उसके नियत प्रयोजन के सार्वजनिक स्थान में उपयोग से जनता के लिये खतरा पैदा होगा एवं वह उसके अधीन बनाये गये नियमों की अपेक्षाओं की पूर्ति नहीं करता है।

साथ ही मोटरयान अधिनियम 1988 की धारा 184 (“खतरनाक तरीके से मोटरयान चलाना”) के अंतर्गत 3 हजार रूपये, मोटर व्हीकल रूल्स 1994, संख्यांक 17 (4) (“हर समय अपने यान को उपयुक्त या समुचित हालत में बनाये रखने के लिये सभी युक्त युक्त सावधानी और सतर्कता बरतेगा) के अंतर्गत 500 रूपये, संख्यांक 17 (9) (“शिष्टतापूर्वक एवं शांत तरीके से शुल्क की याचना करेगा) के अंतर्गत 500 रुपये और 17 (11) (“समुचित अनुपात में किराया वापस करेगा) के अंतर्गत 500 रूपये का अर्थदण्ड आरोपित करते हुये आदेश दिये गये हैं कि परिवहन विभाग द्वारा नियत दर के मुताबिक की गई यात्रा के किराये का परिकलन 12 हजार रूपये होने के कारण शेष 17 हजार रूपये की राशि शिकायकर्ता को वापस करें।

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