सीजीएमएससी ने घटिया गुणवत्ता की दवा खेप को लौटाया, मरीजों की सुरक्षा को दी प्राथमिकता

रायपुर। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कॉरपोरशन लिमिटेड (सीजीएमएससी) ने सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को लेकर अपनी सतर्कता और प्रतिबद्धता एक बार फिर स्पष्ट की है। 29 जुलाई 2025 को कोरबा स्थित सीजीएमएससी वेयरहाउस में कैल्शियम (एलिमेंटल) विथ विटामिन D3 टैबलेट 500 एमजी (कोड: D85) की खेप पहुँची, जिसमें 65 बॉक्स यानी 6500 यूनिट टैबलेट्स शामिल थीं। इस दवा की आपूर्ति मेसर्स हेल्थी लाइफ फॉर्मा प्राइवेट लिमिटेड द्वारा की गई थी।
प्रारंभिक निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि टैबलेट्स खोलते ही टूट रही हैं, जो गुणवत्ता मानकों का उल्लंघन है और मरीजों के लिए संभावित जोखिम पैदा कर सकता है। चूंकि यह दवा गर्भवती महिलाओं, बच्चों, किशोरों और बुजुर्गों को दी जाती है, इसलिए इसकी गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाना आवश्यक है।
सीजीएमएससी की “जीरो टॉलरेंस पॉलिसी ऑन क्वॉलिटी” के अंतर्गत इस बैच को स्टॉक में नहीं लिया गया। तुरंत मुख्यालय और गुणवत्ता नियंत्रण इकाई को सूचित किया गया और आपूर्तिकर्ता को निर्देश दिया गया कि वह दोषपूर्ण बैच को वापस ले और नई खेप शीघ्र उपलब्ध कराए।
कॉरपोरशन ने स्पष्ट किया कि किसी भी दवा को वितरण से पहले एनएबीएल प्रमाणित प्रयोगशालाओं में जांचा जाता है और केवल गुणवत्ता जांच पास करने के बाद ही उसे मरीजों तक पहुँचाया जाता है।
इस कार्रवाई से यह सुनिश्चित हुआ कि घटिया गुणवत्ता की दवा मरीजों तक नहीं पहुँच पाई। यह उदाहरण एक बार फिर दर्शाता है कि राज्य की दवा आपूर्ति प्रणाली न केवल चौकस है, बल्कि पारदर्शिता और मरीजों की सुरक्षा के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध भी है।