छत्तीसगढ़ बना किक बॉक्सिंग का अखाड़ा, 28 राज्यों के खिलाड़ियों ने दिखाई दमखम

रायपुर। राजधानी के सरदार बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में 20 जुलई की शाम कुछ खास रही। मौका था वाको इंडिया राष्ट्रीय किक बॉक्सिंग चैम्पियनशिप 2025 के समापन समारोह का, जहाँ देशभर से आए करीब 1200 खिलाड़ियों और 300 कोचों ने पूरे जोश के साथ हिस्सा लिया।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने खिलाड़ियों का स्वागत कुछ खास अंदाज में किया। उन्होंने कहा, “भगवान श्रीराम की ननिहाल और माता कौशल्या की धरती पर आपका स्वागत है।” साथ ही यह भी जोड़ा कि छत्तीसगढ़ के हिस्से यह सौभाग्य आया है कि इतने बड़े आयोजन की मेजबानी उसे मिली।
मुख्यमंत्री ने मंच से छत्तीसगढ़ की खूबियाँ भी गिनाईं— घने जंगलों से लेकर अबूझमाड़ जैसे रहस्यमय क्षेत्रों तक, जहाँ सूरज की किरणें भी मुश्किल से पहुँचती हैं। साथ ही उन्होंने ये भरोसा दिलाया कि नक्सलवाद अब अपने आखिरी दौर में है और राज्य तेजी से विकास और शांति की ओर बढ़ रहा है।
खेलों की बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि किक बॉक्सिंग जैसे मुकाबले न केवल युवाओं में ऊर्जा और अनुशासन का संचार करते हैं, बल्कि ये राज्य को राष्ट्रीय खेल मानचित्र पर मजबूती से स्थापित करते हैं। उन्होंने खिलाड़ियों को राज्य में घूमने-फिरने का भी न्योता दिया।
कार्यक्रम में सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने भी खासतौर पर बालिकाओं के लिए किक बॉक्सिंग की अहमियत पर जोर दिया और स्कूली छात्रों से खेलों को दिनचर्या में शामिल करने की अपील की। महापौर मीनल चौबे ने भी खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाया।
जहाँ तक मुकाबले का सवाल है, पंजाब की टीम ने 22 गोल्ड, 18 सिल्वर और 26 ब्रॉन्ज मेडल जीतकर बाज़ी मारी। महाराष्ट्र और तमिलनाडु ने क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया। वहीं मेज़बान छत्तीसगढ़ ने भी शानदार प्रदर्शन करते हुए 8 स्वर्ण, 13 रजत और 37 कांस्य पदक जीते और छठे स्थान पर रहा। असम राइफल्स को अनुशासन में सर्वश्रेष्ठ टीम का सम्मान मिला।
कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने कहा— “जीत-हार तो खेल का हिस्सा है, लेकिन असली जीत तब है जब आप अपनी असली क्षमता को पहचानें और उसे तराशें।”