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छत्तीसगढ़ बजट 2025: नए सपने, नए वादे, और कुछ पुराने सवाल

रायपुर। छत्तीसगढ़ की बीजेपी सरकार अपना दूसरा बजट 3 मार्च को पेश करने जा रही है। यह बजट सिर्फ आंकड़ों का जोड़-घटाव नहीं, बल्कि उन वादों की पोटली है, जिनसे जनता की उम्मीदें बंधी हैं। 1 लाख 60 हजार करोड़ रुपए के अनुमानित बजट के साथ सरकार बड़े फैसलों की तैयारी में है।

लेकिन बजट सिर्फ योजनाओं का खाका नहीं होता, यह राजनीति की प्रयोगशाला भी होता है। आइए जानते हैं, इस बार बजट की प्राथमिकताएं क्या होंगी, और किन योजनाओं पर सबसे ज्यादा जोर दिया जाएगा।

महिलाएं: महतारी वंदन का दायरा बढ़ेगा

महतारी वंदन योजना इस बार भी बजट की शोभा बनी रहेगी। सरकार का इरादा इस योजना का विस्तार करने का है, जिससे 70 लाख से ज्यादा महिलाओं को हर महीने 1,000 रुपये की सहायता मिलेगी। महिलाओं को सीधे आर्थिक सहायता देकर सरकार उन्हें वित्तीय रूप से स्वतंत्र बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है।

युवाओं के लिए स्टार्टअप्स और रोजगार के अवसर

सरकार इस बार युवाओं के लिए लोन स्कीम लाने की योजना बना रही है, जिससे वे अपने स्टार्टअप शुरू कर सकें। को-वर्किंग स्पेस, फ्री वाई-फाई, कॉल सेंटर और सेंट्रल लाइब्रेरी जैसी सुविधाओं का ऐलान हो सकता है। गांवों के युवाओं को स्किल बेस्ड लघु उद्योगों से जोड़ने पर भी जोर रहेगा।

इन्फ्रास्ट्रक्चर: सड़कों और पुलों पर सरकार का फोकस

बस्तर और सरगुजा जैसे इलाकों में पुल-पुलिया और सड़कों का निर्माण इस बार की प्राथमिकताओं में होगा। सरकारी दफ्तरों की मरम्मत और स्कूल-कॉलेज की नई बिल्डिंग का ऐलान भी संभव है। खास बात यह है कि 2025 को सरकार “अटल निर्माण वर्ष” के रूप में मना रही है, जिससे इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को अधिक बजट मिलने की संभावना है।

पर्यटन: स्पोर्ट्स और वाइल्डलाइफ टूरिज्म को बढ़ावा

छत्तीसगढ़ सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वाइल्डलाइफ और एडवेंचर टूरिज्म पर ध्यान दे सकती है। वाटर स्पोर्ट्स और अन्य रोमांचक गतिविधियों के जरिए राज्य में टूरिज्म सेक्टर को मजबूत करने की योजना है।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था: नई योजनाओं की उम्मीद

सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन के लिए नई योजनाएं ला सकती है। गांवों में छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार उत्पादन और मार्केटिंग की योजनाएं लागू कर सकती है। इसका सीधा फायदा किसानों और महिलाओं को मिलेगा।

स्वास्थ्य: नए क्लीनिक और एम्बुलेंस सेवाएं

दूरदराज के इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं अभी भी एक बड़ी चुनौती हैं। सरकार इस बजट में छोटे-छोटे क्लीनिक शुरू करने, नई मशीनरी उपलब्ध कराने और एम्बुलेंस सेवाओं को बढ़ाने की योजना बना सकती है। स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या बढ़ाने और मेडिकल स्टाफ की भर्ती पर भी घोषणाएं संभव हैं।

शिक्षा: शिक्षकों की भर्ती और स्कूलों का नवीनीकरण

राज्य में कई सरकारी स्कूल जर्जर हालत में हैं। बजट में स्कूलों के नवीनीकरण और शिक्षकों की नई भर्ती की घोषणा हो सकती है। नई शिक्षा नीति के तहत डिजिटल लर्निंग और आधुनिक सुविधाओं से स्कूलों को जोड़ा जाएगा।

प्रशासन: सरकारी कामकाज होगा ऑनलाइन

छत्तीसगढ़ में कई सरकारी सेवाओं को ऑनलाइन किया जा सकता है। सरकार चाहती है कि लोग सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने की बजाय घर बैठे अपने प्रमाणपत्र, लाइसेंस और अन्य कागजात ऑनलाइन बनवा सकें। इससे भ्रष्टाचार पर भी रोक लगाने की योजना है।

बजट का इतिहास: 25 साल में 30 गुना बढ़ा बजट

साल 2000 में छत्तीसगढ़ का पहला बजट सिर्फ 5,700 करोड़ का था। पिछले साल यह आंकड़ा 1 लाख 47 हजार करोड़ तक पहुंच गया था, और इस बार यह 1.60 लाख करोड़ से ज्यादा होने की उम्मीद है।

घाटे और कर्ज की बढ़ती चिंता

प्रदेश सरकार पहले से ही कर्ज के बोझ तले है। वर्तमान में सरकार पर 91,520 करोड़ रुपए का कर्ज है। 2018 में यह 41,000 करोड़ था, लेकिन कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में यह आंकड़ा तेजी से बढ़ा। पिछले साल का बजट 19,696 करोड़ के घाटे में था, और इस बार घाटा बढ़ने की संभावना है।

बजट में आएंगे नए ‘ज्ञान’ और शायरी के तड़के

बीजेपी सरकार ने पिछले बजट में ‘GYAN’ (गरीब, युवा, अन्नदाता, नारी) का नारा दिया था। इस बार भी वित्त मंत्री ओपी चौधरी कुछ नए जुमले और शायरियां लेकर आएंगे। पिछली बार की तरह इस बार भी बजट भाषण डिजिटल फॉर्मेट में होगा।

निष्कर्ष: उम्मीदें, योजनाएं और चुनौतियां

बजट में योजनाओं और वादों की भरमार होगी, लेकिन असली सवाल यह रहेगा कि क्या ये योजनाएं धरातल पर उतर पाएंगी? क्या राज्य की आर्थिक स्थिति को संभालते हुए विकास की गति तेज की जा सकेगी?

बजट सिर्फ एक घोषणा नहीं, बल्कि जनता के सपनों का दस्तावेज होता है। देखना दिलचस्प होगा कि इस बार छत्तीसगढ़ सरकार किन उम्मीदों पर खरी उतरती है और किन चुनौतियों का सामना करती है।

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