श्रमिक सशक्तिकरण में छत्तीसगढ़ देश का अग्रणी राज्य

रायपुर। छत्तीसगढ़ शासन श्रम विभाग श्रमिक कल्याण और सामाजिक सुरक्षा की दिशा में नई मिसाल गढ़ रहा है।
31 जुलाई 2025 तक राज्य के तीनों प्रमुख मंडलों — छत्तीसगढ़ श्रम कल्याण मंडल, भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल, और असंगठित कर्मकार राज्य सामाजिक सुरक्षा मंडल — के अंतर्गत कुल 52 लाख 75 हजार 618 संगठित, निर्माण और असंगठित श्रमिक पंजीकृत हैं।
राज्य स्थापना के बाद से अब तक 57 लाख 24 हजार 745 श्रमिकों को ₹23 अरब 70 करोड़ 24 लाख 56 हजार 757 रुपये की सहायता राशि से लाभान्वित किया जा चुका है।
श्रमिक सहायता केंद्र 24×7 संचालित
श्रमिकों की शिकायतों और हित संरक्षण हेतु मुख्यमंत्री श्रमिक सहायता केंद्र (Helpline Center) रायपुर में 24 घंटे संचालित है।
राज्य के हर जिले और विकासखंड में मुख्यमंत्री श्रम संसाधन केंद्र भी कार्यरत हैं।
इन्हीं केंद्रों के माध्यम से अब तक 84,810 निर्माण श्रमिकों को पंजीयन और योजनाओं में सहायता प्रदान की गई है।
ई-गवर्नेंस से आसान हुआ श्रमिक कल्याण
विभाग ने ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ के अंतर्गत श्रमिक पंजीयन, नवीनीकरण, संशोधन और योजनाओं के आवेदन को पूरी तरह ऑनलाइन कर दिया है।
अब यह सभी सेवाएँ ‘श्रमेव जयते’ मोबाइल ऐप और वेब पोर्टल के माध्यम से उपलब्ध हैं।
छत्तीसगढ़ को इस नवाचार के लिए भारत सरकार द्वारा “ई-गवर्नेंस हेतु राष्ट्रीय पुरस्कार (गोल्ड अवार्ड)” भी मिला है।
अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना – श्रमिक परिवारों के बच्चों के लिए उज्ज्वल भविष्य
मुख्यमंत्री की घोषणा और श्रम मंत्री के निर्देशानुसार ‘अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना’ के तहत निर्माण श्रमिकों के बच्चों को निःशुल्क गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जा रही है।
वर्तमान में 100 बच्चों को कक्षा 6वीं से 12वीं तक आवासीय विद्यालयों में प्रवेश देकर पढ़ाई कराई जा रही है।
साथ ही, आवास निर्माण एवं क्रय हेतु ₹1 लाख की अनुदान सहायता दी जा रही है — अब तक 2,278 श्रमिकों को लाभ प्रदान किया गया है।
पेंशन और भोजन योजना से सम्मानजनक जीवन
60 वर्ष से अधिक आयु के पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को ₹1500 मासिक पेंशन दी जा रही है। साथ ही, ‘शहीद वीर नारायण सिंह श्रम अन्न योजना’ के तहत प्रदेश के 17 जिलों में 37 केंद्रों से प्रतिदिन लगभग 8,000 श्रमिकों को ₹5 में पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है।
कर्मचारी राज्य बीमा सेवाओं का विस्तार
राज्य निर्माण के समय मात्र 30 हजार श्रमिक बीमित थे, जो अब बढ़कर 6 लाख 25 हजार हो गए हैं। राज्य में अब 42 औषधालय संचालित हैं, जबकि पहले केवल 6 थे। रायपुर, कोरबा, भिलाई और रायगढ़ में 100 बिस्तर वाले आधुनिक चिकित्सालय तैयार किए गए हैं।
वर्ष 2014 से बीमित श्रमिकों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा भी उपलब्ध है, जिससे उन्हें इलाज के बाद प्रतिपूर्ति की प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ता।
बेहतर सुविधा के लिए वर्ष 2018 में छत्तीसगढ़ कर्मचारी राज्य बीमा सोसायटी का गठन किया गया है।
छत्तीसगढ़ — श्रमिकों के अधिकार, सम्मान और सुरक्षा का सशक्त प्रतीक




