छत्तीसगढ़ स्किल टेक से निवेश और रोजगार को नई रफ्तार, 13,690 करोड़ के प्रस्ताव सामने आए

रायपुर। भविष्य की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कौशल विकास और औद्योगिक निवेश को एक साझा मंच पर लाने की दिशा में छत्तीसगढ़ सरकार ने अहम कदम बढ़ाया है। 23 दिसंबर 2025 को आयोजित छत्तीसगढ़ स्किल टेक कार्यक्रम ने यह साफ कर दिया कि राज्य अब सिर्फ निवेश आकर्षित नहीं कर रहा, बल्कि उसे कौशल-आधारित रोजगार से मजबूती से जोड़ रहा है। यह उद्योग-केंद्रित निवेश आयोजन प्रधानमंत्री सेतु योजना (PM SETU) के तहत निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से किया गया।
कार्यक्रम के दौरान कई महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुए और निवेश आमंत्रण पत्र जारी किए गए। कुल मिलाकर 13,690 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव सामने आए, जिनसे राज्य में 12 हजार से ज्यादा रोजगार अवसर पैदा होने की संभावना है। ये निवेश अलग-अलग क्षेत्रों में कौशल आधारित नौकरियों को बढ़ावा देंगे।
गेल प्रोजेक्ट बना औद्योगिक विकास का केंद्र
निवेश प्रस्तावों में गेल (GAIL) का गैस-आधारित उर्वरक संयंत्र सबसे प्रमुख रहा। लगभग 10,500 करोड़ रुपये के पहले चरण के निवेश और 1.27 एमएमटीपीए यूरिया उत्पादन क्षमता वाला यह प्रोजेक्ट छत्तीसगढ़ को देश के डाउनस्ट्रीम पेट्रोकेमिकल और उर्वरक मानचित्र पर मजबूत पहचान दिलाएगा।
यह परियोजना मुंबई-नागपुर-झारसुगुड़ा प्राकृतिक गैस पाइपलाइन से जुड़ी होगी और राजनांदगांव जिले के बिजेतला क्षेत्र में 400 एकड़ से अधिक भूमि पर प्रस्तावित है। इसके अलावा 100 एकड़ जमीन एक समर्पित टाउनशिप के लिए रखी गई है। भविष्य में मांग के अनुसार क्षमता विस्तार की भी योजना है। परियोजना के संचालन में आने के बाद करीब 3,500 प्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की उम्मीद है, वहीं तकनीकी सेवाओं, लॉजिस्टिक्स और मेंटेनेंस जैसे क्षेत्रों में भी कुशल मानव संसाधन की मांग बढ़ेगी।
सरकार का फोकस: निवेश के साथ रोजगार और कौशल
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस मौके पर कहा कि छत्तीसगढ़ का विकास मॉडल निवेश, रोजगार और कौशल को एक-दूसरे से जोड़ने पर आधारित है। स्किल टेक जैसे मंच निवेशकों के भरोसे को जमीन पर उतारने में मदद कर रहे हैं, जिससे युवाओं के लिए स्थायी रोजगार के अवसर बन सकें।
विविध क्षेत्रों में दिखी निवेशकों की रुचि
गेल के अलावा परिधान और वस्त्र, फार्मास्यूटिकल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग, सोलर पैनल निर्माण और अन्य उभरते क्षेत्रों में भी निवेशकों की मजबूत दिलचस्पी देखने को मिली। जशपुर में स्थापित आदित्य बिरला स्किल सेंटर को भी उद्योग-प्रेरित कौशल विकास का सफल उदाहरण बताया गया, जो पारंपरिक और नए क्षेत्रों के लिए दक्ष कार्यबल तैयार कर रहा है।
पिछले एक साल में छत्तीसगढ़ को 200 से अधिक परियोजनाओं के जरिए 7.83 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं, जिनमें से लगभग आधी परियोजनाएं कार्यान्वयन के चरण में पहुंच चुकी हैं। इनमें से 58 प्रतिशत निवेश राज्य के प्राथमिक क्षेत्रों से जुड़े हैं और ये 26 जिलों में फैले हुए हैं, जो संतुलित औद्योगिक विकास की तस्वीर पेश करते हैं।
कुल मिलाकर, छत्तीसगढ़ स्किल टेक ने राज्य की उस उभरती पहचान को और मजबूत किया है, जहां औद्योगिक निवेश, कौशल विकास और समावेशी विकास एक साथ आगे बढ़ रहे हैं और युवाओं के लिए दीर्घकालिक आजीविका के अवसर तैयार कर रहे हैं।




