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छत्तीसगढ़ की 25 साल की संसदीय यात्रा: विरासत, विकास और संकल्प पर विशेष सत्र में गूंजा गौरव

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज राज्य की 25 वर्षों की संसदीय यात्रा को समर्पित विशेष सत्र आयोजित हुआ, जहां स्वास्थ्य मंत्री ने सदन के सामने प्रदेश की ऐतिहासिक विरासत और विकास गाथा को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि आज का आधुनिक छत्तीसगढ़ पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की दूरदृष्टि का परिणाम है।

मंत्री ने बताया कि राज्य का इतिहास केवल 25 वर्षों तक सीमित नहीं, बल्कि हजारों साल पुरानी संस्कृति और परंपराओं से भरा है। पंद्रहवीं सदी में कवि दलपत राव द्वारा पहली बार “छत्तीसगढ़” का उल्लेख किया गया था। कल्चुरी शासन के दौरान रतनपुर और रायपुर राजधानी रहे और 36 गढ़ों के कारण इस भूभाग का नाम छत्तीसगढ़ पड़ा।

उन्होंने सदन में याद दिलाया कि मध्य प्रदेश का हिस्सा रहते हुए यह क्षेत्र कभी भुखमरी और पलायन से पहचाना जाता था, लेकिन विकास के सफर में प्रदेश ने उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में 15 वर्षों के दौरान छत्तीसगढ़ ने तेज रफ्तार से तरक्की कर देश के बड़े राज्यों की बराबरी कर ली।

मंत्री ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ आज भी उसी दिशा में आगे बढ़ रहा है, जिसका सपना अटल जी ने राज्य गठन के समय देखा था। उन्होंने राज्य की महान विभूतियों का स्मरण करते हुए कहा कि उनके संघर्षों ने इस प्रदेश को नई पहचान दी है।

उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि वे अपनी संस्कृति और ऐतिहासिक विरासत को संजोने में योगदान दें ताकि आने वाली पीढ़ियां इस समृद्ध इतिहास को जान और समझ सकें।

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