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बिलासपुर : नर्सों के साथ जेल में किये गये दुव्र्यवहार को लेकर महिला कांग्रेस राज्यपाल के नाम जिलाधीश को सौंपेंगी ज्ञापन

बिलासपुर : छ.ग. में लगातार 16 दिनों से आंदोलन कर रही महिला नर्सों को प्रताडि़त कर दबाव डालकर, अमानवीय व्यवहार कर, जेल भेजकर, छ.ग. शासन ने आंदोलन खत्म कराया। उक्त कृत्य की निंदा करते हुये बिलासपुर महिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्रीमती सीमा पाण्डेय एवं श्रीमती अनिता लव्हात्रे ने संयुक्त रूप से कहा कि रमन सरकार की उल्टी गिनती प्रारंभ हो गई है। पहले शिक्षाकर्मियों के साथ, फिर किसानों के साथ अब स्वास्थ्य विभाग में सेवा भाव से कार्य करने वाली नर्सों के साथ जो व्यवहार किया गया, वह यह सिद्ध करता है कि रमन सरकार डर गई है और आनन-फानन में तानाशाही रवैया अपनाकर अमानवीय व्यवहार कर रही है। जिस तरह जेल के अंदर नर्स बहनों के साथ व्यवहार किया गया उन्हें मूल भूत सुविधाओं से वंचित किया गया।

छ.ग. शासन ने आंदोलन खत्म कराया

बच्चों को दूध पिलाने जैसा कार्य करने पर पाबंदी लगाई गई बेहद शर्मनाक है। महिलाओं के साथ हुये इस व्यवहार से यह सिद्ध होता है कि छत्तीसगढ़ शासन एवं मोदी-रमन सरकार की बेटी बचाओं का नारा खोखला है। आखिर वो किस बेटी को बचाने का बात करते हैं क्या ये नर्स बहने बेटी नहीं थी ? और इस पूरे अमानवीय व्यवहार पर छत्तीसगढ़ महिला आयोग की चुप्पी समझ से परे है ? अध्यक्ष द्वय ने कहा कि जिला महिला कांग्रेस बिलासपुर 5 जून को दुव्र्यवहार यातना और अलोकतांत्रिक कार्यवाही के विरोध में रायपुर जेल के अधिकारियों पर जाँच कर कार्यवाही करने की माँग को लेकर जिलाधीश बिलासपुर को दोपहर 12 बजे ज्ञापन सौपेंगे। जिसमें महिला कांग्रेस की पदाधिकारी उपस्थित रहेंगी।

मोदी-रमन सरकार की बेटी बचाओं का नारा खोखला है

प्रदेश महामंत्री अटल श्रीवास्त ने भी की निंदा:- महिलाओं के सम्मान में मन की बात में बड़ी-बड़ी बातें करने वाले नरेन्द्र मोदी की राज्य सरकार के मुख्यमंत्री रमन सिंह की सरकार ने जो व्यवहार राज्य के आंदोलनकारी नर्स बहनों के साथ किया है। उसकी कांग्रेस कड़ी निंदा करती है। अटल श्रीवास्तव ने कहा कि इस घटना से भा.ज.पा. का दोहरा चरित्र उजागर हो गया। बेटी और नारी के सम्मान में दीवारों पर लिखे सारे नारे खोखले हैं और जो कुछ जेल में घटा वहीं रमन और मोदी सरकार का आखिर चेहरा है। नसबंदी कांड में महिलाओं की मौत, गर्भाशय निकालने की घटनायें और अब महिला कर्मचारी के साथ जेल में दुव्र्यवहार दिखाता है कि सरकार महिलाओं के प्रति कितनी संवेदनशील हैं।

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