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लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ पैटर्न पर होगी देश की सुरक्षा

लोकसभा चुनाव में सुरक्षा व्यवस्था छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव के पैटर्न पर होगी. विधानसभा चुनाव के दौरान छत्तीसगढ़ में सुरक्षा के लिए चुनाव आयोग और पुलिस टीम ने जो मैनेजमेंट प्लान बनाया था, उसे लोकसभा चुनाव के दौरान पूरे देश में शामिल किया जाएगा. छत्तीसगढ़ के मुख्य अखबार दैनिक भास्कर में शुक्रवार को ये खबर प्रमुखता से ली गई है. इसके अलावा विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद प्रदेश भाजपा में मची रार को भी सभी मुख्य अखबारों में पहले पन्ने पर जगह दी है.

लोकसभा चुनाव में सुरक्षा व्यवस्था से जुड़ी खबर में इस बार छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में मतदान के दौरान कोई हिंसा नहीं हुई थी. इसे केन्द्रीय चुनाव आयोग ने बेस्ट प्रैक्टिस में शामिल किया है. मोबाइल एप व सी-टॉप्स सॉफ्टवेयर की मदद से शिकायत व निगरानी सिस्टम को भी पूरे देश में लागू किया जाएगा. सबसे अहम बात यह है कि आयोग जल्द ही ऐसी व्यवस्था लागू करने जा रहा है, जिसमें मतदाता सूची में नाम जोड़ना या हटाना आसान होगा. दूसरे शहर या राज्य में ट्रांसफर होने की स्थिति में आसानी से नाम जुड़ जाएगा. पूर्व में जहां नाम जुड़ा है, वह हट जाएगा.

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी तक पहुंची कहानी
दैनिक भास्कर ने लिखा है- विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय और सभी जिलों में लाेकतंत्र और चुनाव प्रक्रिया में विश्वास कायम करने के लिए कई तरह के पहल किए गए थे. यह कहानी हार्वर्ड यूनिवर्सिटी तक जा रही है. पहली बार राज्य को निर्वाचन के लिए दो पुरस्कारों के लिए चुना गया है. निर्वाचन आयोग छत्तीसगढ़ तर्ज पर पोलिंग किट बांटने पर विचार कर रहा है.

लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर भाजपा के प्रदेश प्रभारी डॉ.अनिल जैन एकात्म परिसर में पदाधिकारियों की बैठक लेने पहुंचे, लेकिन विधानसभा चुनाव की हार के बाद पार्टी में मची रार सतह पर आ गई. लोकसभा चुनाव प्रभारी, क्लस्टर कार्यक्रम प्रभारी, लोकसभा संयोजक, सह संयोजक की बैठक और डॉ. जैन की पत्रकारवार्ता विवादों के साये में हुई. एकात्म परिसर में बैठक शुरू हुई. पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को माला पहनाकर स्वागत किया जा रहा था. सबसे पहले प्रदेश अध्यक्ष को माला पहनाई गई. फिर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह का स्वागत किया गया. इसके बाद राष्ट्रीय सहसंगठन महामंत्री सौदान सिंह के स्वागत के लिए जब आमंत्रित किया गया तो सौदान ने टोका. उन्होंने कहा पहले प्रदेश प्रभारी का तो स्वागत करो. इसके बाद डॉ. जैन का स्वागत किया गया.

इसके बाद डॉ. अनिल जैन जब केन्द्र सरकार की उपलब्धियों को लेकर मोदी सरकार का बखान कर रहे थे, उसी समय एक सवाल पर वे झल्ला गए. दरअसल, डॉ. जैन से पूछा गया कि विधानसभा चुनाव में हार के लिए आप खुद पर जिम्मेदारी लेंगे. इस पर डॉ. जैन ने कहा, हां हार के लिए मैं जिम्मेदार हूं. जब उनसे सवाल किया गया कि फिर प्रदेश प्रभारी के पद पर क्यों बने हैं. इस पर वे झल्ला गए.

बैठक में पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने सवाल किया कि हारे हुए नेताओं को क्लस्टर प्रभारी कैसे बना दिया गया. इस पर डॉ. जैन ने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व ने तय किया है. चंद्राकर ने कहा कि बिना किसी की राय लिए यह सब कैसे तय कर दिया गया. प्रदेश के नेताओं से चर्चा करनी चाहिए थी. इस पर डॉ. जैन उखड़ गए और बोले की आप अमित शाह से चर्चा कर लें. मामला बिगड़ता देख डॉ. जैन ने चंद्राकर को एकांत में चर्चा की सलाह दी. करीब तीन मिनट तक दोनों नेताओं में तीखीं नोकझोंक चलती रही. इस खबर को दैनिक भास्कर, पत्रिका, हरिभूमि, नवभारत सहित दूसरे मुख्य अखबारों ने प्रमुखता से लिया है.

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