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जयपुर : घुसपैठ रोकने के लिए बीएसएफ करेगी कोबरा वायर कवच का उपयोग

जयपुर : पाकिस्तान की तरफ से होने वाली घुसपैठ रोकने के लिए राजस्थान से सटी 1040 किमी.अंतरराष्ट्रीय सीमा पर लगी तारबंदी पर कोबरा वायर करंट कवच का उपयोग होगा । बीएसएफ ने घुसपैठियों पर लगाम लगाने के लिहाज से तारबंदी पर कोबरा वायर करंट छोडऩे की योजना बनाई है । इसमें हमेशा 440 वॉल्ट करंट प्रवाहित होता रहेगा,इसे छूते ही घुसपैठिया मौके पर ही खत्म हो जाएगा ।

अंतरराष्ट्रीय सीमा पर लगी तारबंदी पर कोबरा वायर करंट कवच का उपयोग होगा

पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर सीमावर्ती जिलों से सटी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बनी 15 चौकियों के क्षेत्र में कोबरा वायर का कवच लगाया जाएगा । शाहगढ़ बल्ज के शिफ्टिंग सैंड ड्यूंस क्षेत्र में इसका अधिक लाभ मिलेगा । राजस्थान के जैसलमेर और बाड़मेर जिलों में गर्मी के मौसम में चलने वाली आधिंयों के दौरान रेत के ढेर एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित हो जाते हैं । घुसपैठिये इसका लाभ उठाकर भारतीय सीमा में प्रवेश कर जाते हैं । अब इसी लगाम लगाने के लिए कोबरा वायर कवच का उपयोग किया जाएगा।

शाहगढ़ बल्ज के शिफ्टिंग सैंड ड्यूंस क्षेत्र में इसका अधिक लाभ मिलेगा

तारबंदी में कोबरा वायर का करंट छोडऩे को लेकर टेंडर प्रक्रिया प्रारम्भ हो गई है । संभवत:अगले माह से करंट छोडने का काम भी शुरू हो जाएगा । बीएसएफ के आईजी अनिल पालीवाल ने बताया कि कोबरा वायर कवच से सीमा सुरक्षा का घेरा पहले से अधिक सुरक्षित होगा । वायर का कवच होने पर सीमा पूरी तरह से सील हो जाएगी ।

संभवत:अगले माह से करंट छोडने का काम भी शुरू हो जाएगा

तारबंदी में कोबरा वायर करंट छोडऩे के बाद यदि घुसपैठिया करंट रोकने अथवा वायर काटने का प्रयास करेगा तो तुरंत अलार्म बज जाएगा,जिससे बीएसएफ के जवान तत्काल कार्रवाई कर सकेंगे । इधर गर्मी के दिनों में घुसपैठ की संभावना अधिक होने के कारण बीएसएफ के जवानों ने पिछले दो सप्ताह से सुरक्षा अधिक बढ़ा दी है । जवान सीमा पर सुरक्षा करने के साथ ही स्थानीय पुलिस के सहयोग से सीमा से सटे गांवों में भी निगरानी रख रहे हैं ।

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